चंडीगढ़। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंगलवार को पंजाब सिविल सचिवालय में पद संभाल लिया। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उनके कार्यालय पहुंचकर कुर्सी पर बिठाया। रंधावा के पद भार ग्रहण करने के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की गैरहाजिरी चर्चा का विषय बनी रही।
रंधावा जब मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे थे तो नवजोत सिद्धू ने उनका विरोध किया था। मंगलवार को सिद्धू के नहीं आने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला दिया गया। पद भार ग्रहण करने के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के लोगों की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहेगी और राज्य सरकार की लोक-हितेषी नीतियों और योजनाओं को समाज के सभी वर्गों तक पहुँचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
हाईकमान से मंथन के बाद होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
रंधावा ने उन पर विश्वास प्रकट करने के लिए पार्टी हाईकमान का धन्यवाद किया और इसके साथ ही राज्य के लोगों की सेवा करने और अपनी सभी जिम्मेदारियों को लगन और समर्पित भावना के साथ निभाने का भरोसा भी दिया। इस मौके पर दूसरों के अलावा तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा, सुखबिन्दर सिंह सरकारिया, मनप्रीत सिंह बादल, संगत सिंह गिलजियां, दर्शन सिंह बराड़, बरिन्दरमीत सिंह पाहड़ा, कुलबीर सिंह ज़ीरा, प्रीतम सिंह कोटभाई, परमिन्दर सिंह पिंकी, कुलदीप सिंह वैद, नवतेज सिंह चीमा, दविन्दर सिंह घुबाया, मदन लाल जलालपुर, पिरमल सिंह और जगदेव सिंह कमालू (सभी विधायक) के अलावा उनके पारिवारिक सदस्यों में से उदयवीर सिंह रंधावा और बब्बी अबुल खुराना, जि़ला कांग्रेस कमेटी के प्रधान (अमृतसर ग्रामीण) भगवंत सिंह सच्चर और उनके समर्थक और शुभचिन्तक शामिल हुए। पदभार ग्रहण करने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू, उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ दिल्ली चले गए। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की।