पटियाला। पटियाला लोकसभा हलके से भारतीय जनता पार्टी द्वारा महारानी परनीत कौर को प्रत्याशी बनाए जाने से पार्टी में अंदरूनी तौर पर चल रही बगावती सुरें अब खुलकर सामने आने लगी हैं। लोकसभा हलके के अंतर्गत आते डेराबस्सी विधानसभा हलके के चुनाव प्रभारी एवं डेराबस्सी से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके संजीव खन्ना ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। संजीव खन्ना की इस कार्रवाई को पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आने वाले दिनों में अन्य कई पदाधिकारी भी पार्टी से मुंह मोड़ सकते हैं।
पुराने भाजपाईयों की अनदेखी कर कांग्रेसियों को मिल रही जिम्मेदारियां से नाराज |
संजीव खन्ना के भाजपा के पदों को छोडऩे के पीछे मुख्य कारण परनीत कौर द्वारा पुराने भाजपा नेताओं की अनदेखी करना तथा कांग्रेस से हालही में भाजपा में शामिल हुए नेताओं को अधिक तरजीह देना है।
परनीत कौर का चुनाव प्रचार अभियान इस समय पूर्व चेयरमैन एसएमएस संधू संभाल रहे हैं। संधू द्वारा इस अभियान में उन्हीं लोगों को शामिल किया जा रहा है जो कुछ समय पहले कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए हैं। इसे लेकर संजीव खन्ना समेत दर्जनों की संख्या में पुराने भाजपा नेता नाराज चल रहे हैं। भाजपा नेताओं के अनुसार संधू डेराबस्सी समेत अन्य क्षेत्रों में परनीत कौर के कार्यक्रम तय कर रहे हैं। इसलिए वह किसी भी बीजेपी लीडर को महारानी परनीत कौर की नजरों में भाजपा का बड़ा लीडर दिखाना नहीं चाहते।
परनीत कौर को अगर इस चुनाव में बेहतर उपस्थिति दर्ज करवानी है तो उन्हें कांग्रेस से आए हुए नेताओं को एक तरफ करके पुराने भाजपाइयों को साथ लेकर चलना होगा। भाजपा नेताओं के अनुसार एसएमएस संधू कांग्रेस के कल्चर को ही जानते हैं जहां उन्हें कोई भी कांग्रेसी नेता कुछ नहीं समझता था केवल महारानी के साथ अच्छे संबंध बना लेने से आप नेता नहीं बनते जब तक आपके साथ आम जनता न हो। संजीव खन्ना समर्थकों के अनुसार भाजपा में जो आज हो रहा है और डेराबस्सी भाजपा में जो कल होगा इस सारी टूट-फूट के जिम्मेदार केवल और केवल एसएमएस संधू हैं। अगर महारानी चुनाव हार भी जाती हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर संधू ही जिम्मेदार होंगे।