चण्डीगढ। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि किसान कम खर्च वाली प्राकृतिक खेती को अपनाकर अपनी आय को दोगुणी करने का लक्ष्य स्थापित करें। प्रकृति के सभी जीवों पर आज की अंधाधुंध पैस्टेसाईज युक्त खेती जमीन की उर्वरा शक्ति को कमजोर कर रही है और मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर हो रहा है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर किसान स्वयं के साथ समाज में अन्नदात्ता की वास्तविक भूमिका निभा पाएगा।
यह बात राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज नरवाना उपमंडल के धरौदी रोड़ पर नवनिर्मित श्रीजी राईस मिल का उद्घाटन करने के उपरान्त किसानों के सम्मुख कहीं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जो भी किसानों के लिए स्कीमें संचालित की जाती है उन्हें प्रत्येक पात्र किसान तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने किसानों से संवाद स्थापित किया और किसानों द्वारा रखी समस्याओं का मौके पर निदान करने के निर्देश दिए।
उन्होंने किसानों से कहा कि पराली को जलाना एक गम्भीर समस्या है जिससे खुद का जीवन तो नष्ट होता ही है बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए भी नुकसानदायक होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन को लेकर प्रोत्साहन राशि पर अनेक कृषि यंत्र मुहैया करवाए जा रहे हैं और सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि पराली के प्रबंधन में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। उन्होंने किसानों से कहा कि जिसमें पानी की लागत कम हो वही खेती करे। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से खेती करने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है इसलिए किसान सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को अपनाकर आने वाली पीढियां के लिए जल को बचाना सुनिश्चित करें।
बंडारू दत्तात्रेय ने किसानों एवं व्यपारियों को सम्बोन्धित करते हुए कहा कि इस श्रीजी राईस मिल से 200 से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। इस राईस मिल में प्रतिदिन की 8 टन की क्षमता है, इस मिल पर लगभग 8 करोड़ रूपए खर्च किए गए है। इस राइस मिल से आसपास के धान की मोटी खेती/पीआर की खेती करने वाले किसानों को फायदा होगा।