चंडीगढ़। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी दो फाड़ होने के कगार पर पहुंच गई है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू द्वारा ताजपोशी से पहले बुधवार को अमृतसर में किए गए शक्ति प्रदर्शन में पार्टी के 80 में से 62 विधायक पहुंच गए। यह कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए बड़ा झटका है। पंजाब के लगभग सभी जिलों से कांग्रेस विधायक अमृतसर पहुंचे हुए थे। चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा के अलावा करीब 13 विधायक थे। जबकि कुछ विधायक एवं मंत्री ऐसे हैं जो अभी तक सिद्धू व अमरिंदर विवाद से दूरी बनाए हुए हैं।
नवजोत सिद्धू ने बुधवार को पार्टी के सभी विधायकों तथा जिला अध्यक्षों को अमृतसर में बुलाया था। जिसके चलते पार्टी के 62 विधायक आज सिद्धू के अमृतसर आवास पर पहुंच गए। इसके विधानसभा में हारे हुए कांग्रेस के 22 नेता भी अमृतसर पहुंचे। हालांकि पंजाब कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग है लेकिन सुनील जाखड़ द्वारा बनाए गए 22 जिला अध्यक्षों में करीब 17 जिला प्रधान सिद्धू के नेतृत्व में उनके आवास पर एकत्र हुए।
नवजोत सिद्धू विधायकों के साथ बसों में सवार होकर अपने आवास से दरबार साहिब के लिए रवाना हुए। इस बस में कांग्रेस के निवर्तमान प्रधान सुनील जाखड़, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, समेत तमाम नेता मौजूद थे। ईद के कारण कैबिनेट मंत्री रजिया सुलताना आज अमृतसर नहीं पहुंची। विधायकों वाली बस में सिद्धू किसी भी सीट पर नहीं बैठे अलबत्ता उन्होंने चालक के साथ बोनट पर बैठकर यह संदेश देने का प्रयास किया है पंजाब में कांग्रेस की बस को अब वही चलाएंगे।
सभी विधायकों, कार्यकारी अध्यक्षों ने दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद जलियांवाला बाग, अमृतसर के दुर्गयाणा मंदिर तथा राम तीरथ में पूजा अर्चना की। राम तीरथ पहुंचने पर अमरिंदर सिंह के सबसे करीबी और अब तक दूर रहे कैबिनेट मंत्री सुख सरकारिया भी अपने बेटे के साथ पहुंचे और सिद्धू का स्वागत किया। दिनभर धार्मिक व सामाजिक स्थानों पर शीश निवाने के बाद भी सिद्धू मीडिया के साथ कुछ नहीं बोले।