चंडीगढ़। अकाल तख्त साहिब ने सिखों में बढ़ रही डेस्टिनेशन शादियों की परंपरा का कड़ा नोटिस लेते हुए इस पर रोक लगा दी है। सोमवार को अकाल तख्त साहिब पर पांचों के तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में यह फैसला लिया गया। ज्ञानी रघबीर सिंह के अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार बनने के बाद यह पहला मौका था जब पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई।
जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि देश-विदेश से संगतों की शिकायतें उनके पास पहुंच रही थी। कुछ व्यक्ति मर्यादा की उल्लंघना करते हुए समुद्र के किनारों बीच-रिसॉर्ट पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश करके आनंद कारज करते हैं। जिसके चलते डेस्टिनेशन वैडिंग पर रोक लगाई जाती है।
बठिंडा में हुई समलैंगिक शादी को अवैध करार दिया
गुरुद्वारा कलगीधर साहिब, कनाल कॉलोनी बठिंडा में दो लड़कियों के गुरूग्रंथ साहिब की हजूरी में आनंद कारज करवाने के मामले में भी सिंह साहिबानों ने फैसला सुनाते हुए विवाह को अवैध करार दे दिया है। इसके साथ ही विवाह करवाने वाली कमेटी को हमेशा के लिए प्रबंध चलाने में अयोग्य करार किया है और संगत को अमृतधारी प्रबंधक कमेटी के चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं।
मुख्य ग्रंथी हरदेव सिंह, ग्रंथी अजायब सिंह, रागी सिकंदर सिंह, तबला वादक सतनाम सिंह को सिख मर्यादा की उल्लंघना के दोष में पांच सालों के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया। डेरा मुखी दर्शन सिंह के महिला के साथ अवैध संबंधों के मामले में भी जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने डेरा मुखी को अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर अपना गुनाह मान माफी मांगने के लिए कहा है।
डेरा मुखी को तब तक कीर्तन करने का अधिकार नहीं है। अगर वह कीर्तन करता हुआ दिखाई दिया तो उसके खिलाफ मर्यादा के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, संगत को भी उससे मेल-मिलाप न रखने के लिए कहा गया है।