चंडीगढ़, 31 अगस्त। आंगनवाड़ी केंद्र में आने वाले नौनिहालों से लेकर किशोरियों, माताओं को औषधीय पौधों एवं फल, सब्जियों का लाभ मिल सके, इसके लिए हरियाणा के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिकाएं स्थापित करने का संकल्प हरियाणा द्वारा लिया गया है। इस दिशा में अबतक 4200 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई हैं, जबकि 10 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों में औषधीय पौधे लगाने की योजना पर काम चल रहा है।
जागरूकता अभियान के साथ-साथ कुपोषण का शिकार बच्चों के स्तर में वृद्धि के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। यह कहना है हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा का। उन्होंने मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा गुजरात के केवडिया में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय सम्मेलन में हरियाणा का विजन पेश किया। सम्मेलन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी की अगुवाई में राष्ट्र में नौनिहालों से लेकर किशोरियों और महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने पर चिंतन-मनन हुआ।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ का जो सामाजिक आंदोलन हरियाणा की धरती से शुरू किया गया था, उसके परिणाम शानदार रहे हैं। जिस राज्य में कोख में ही बेटियों को मारने का घृणित काम आम हो चुका था, वहां आज स्थितियां बदली हैं। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा पोषण अभियान को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। घर-घर आमजन को पोषक आहार के प्रति जागरूक करने से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण वाटिकाएं स्थापित करने की दिशा में सराहनीय काम हुआ है। प्रदेश के हर जिले में उन 200-200 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका स्थापित की गई हैं, जो सरकारी भवन अथवा अपने भवन में संचालित हो रही हैं।
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि आज 4200 आंगनवाड़ी केंद्रों में औषधीय एवं फलदार पौधे व हरी सब्जियां उगाई जा रही हैं, जिन्हें आंगनवाड़ी केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और 1-6 साल के बच्चों के परिजन को उपलब्ध करवाया जाता है। कमलेश ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना से 1-6 आयु वर्ष तक के 9.03 लाख बच्चे तथा 2.94 गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताएं लाभान्वित हो रही हैं।