चंडीगढ़, 31 मई। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुए लॉकडाउन में हुए शराब घोटाले की भी अब परतें खुलने लगी हैं। झज्जर से पकड़ी गई शराब के सैंपल फेल हो गए हैं। यह नकली होलोग्राम लगाकर बेची जा रही थी। भारत सरकार की हैदराबाद स्थित सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस की जांच रिपोर्ट ने होलोग्राम के नकली होने का खुलासा किया है।
आबकारी विभाग ने झज्जर के गांव सिद्दीपुर लोवा स्थित अंग्रेजी शराब के ठेके से पकड़ी शराब के होलोग्राम जांच के लिए हैदराबाद लैब में भेजे थे। इस ठेके का लाइसेंस राकेश कुमार के नाम पर है। इतना ही नहीं, जिस गोदाम से ठेके में शराब की सप्लाई हुई वह भी राकेश कुमार का ही है। सूत्रों के अनुसार झज्जर की डिस्टलरी एडीएस स्पिरिट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी राकेश कुमार के तार जुड़े हुए हैं।
पकड़ी गई शराब इसी डिस्टलरी की थी। पिछले दिनों सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि लॉकडाउन के बावजूद सिद्दीपुर लोवा गांव में शराब का ठेका खुला है और शराब बेची जा रही है। 15 मई को सीएम फ्लाइंग ने स्थानीय पुलिस के अलावा रोहतक व झज्जर के एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों को साथ लेकर ठेके पर छापा मारा। लॉकडाउन के बावजूद ठेका खुला मिला और छह लाख 72 हजार रुपये से अधिक की नकदी भी पुलिस ने बरामद की गई।
ठेके से मूनवॉक ब्रांड की प्रतिबंधित शराब भी बरामद की गई। एपिसॉड गोल्ड व्हिस्की और रॉयल ग्रीन डीलक्स बलेंडेड व्हिस्की की बड़ी मात्रा में बोतलें बरामद की गईं। एक्साइज डिपार्टमेंट ने एपिसॉड गोल्ड व्हिस्की के 300 तथा रॉयल ग्रीन डीलक्स व्हिस्की के 534 होलोग्राम लेकर उन्हें जांच के लिए हैदराबाद लैब में भेजा।
लैब की रिपोर्ट आबकारी विभाग के पास आ गई है। जिासमें सभी 834 होलोग्राम को नकली बताया गया है। आबकारी एवं कराधान आयुक्त ने इस मामले में रोहतक व झज्जर के डीईटीसी को इस बारे में पत्र लिखकर आगामी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। पुलिस विभाग को भी हैदराबाद लैब की रिपोर्ट सौंप दी है ताकि पहले से दर्ज एफआईआर में नई धाराएं जोडक़र आगामी कार्रवाई की जा सके।