चंडीगढ़, 29 मई। प्रदेश में कोरोना संक्रमण जहां धीरे-धीरे कम हो रहा है वहीं ब्लैक फंगस अब लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में अभी तक मांग के अनुसार दवाईयों का इंतजाम नहीं हो सका है। हरियाणा में आज म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) से पीडि़त 58 मरीजों के पूरी तरह से ठीक होने की सूचना है।
राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के 756 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 648 का इलाज चल रहा है। इसके अतिरिक्त, तकनीकी समिति ने आज लगभग 515 मरीजों के लिए एम्फोटेरिसिन-बी के 975 इंजेक्शनों को मंजूरी दी।
सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि जिन 577 मरीजों के नैदानिक डेटा का विश्लेषण किया गया है, उनमें से 442 पुरुष और 135 महिलाएं हैं तथा इनमें से लगभग 508 मरीज मधुमेह से भी पीडि़त पाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों का विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि इनमें से लगभग 86 प्रतिशत कभी ना कभी कोविड-19 वायरस के संक्रमण से पीडि़त रहे हैं। उन्होंने विस्तार से बताया कि 498 मरीज कोविड पाजिटिव पाए गए जबकि 79 मरीजों में कभी भी कोविड संक्रमण के पीडि़त होने का कोई लक्षण नहीं पाया गया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, 462 मरीजों को स्टेरॉयड थेरेपी एवं 254 मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी दी गई है और 61 मरीजों को अन्य प्रतिरक्षा विकार थे।
ब्लैक फंगस से सबसे अधिक मामलों वाले जिलों का विवरण साझा करते हुए प्रवक्ता ने बताया कि गुरुग्राम में अब तक 216 मामले सामने आए हैं और इसके बाद हिसार जिले में अब तक 179 मामले तथा रोहतक में 145 मामले सामने आए हैं।
इस बीच हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश सरकार ब्लैक फंगस के मामलों पर भी लगातार काबू पा रही है। दवाईयों का प्रबंध किया जा रहा है। कई केस ऐसे भी सामने आए हैं जिनका कोरोना से कोई सरोकार नहीं था। ऐसे मामलों के बारे में पीजीआई रोहतक के डाक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वह शोध करें। अभी तक सामने आया है कि यह बीमारी नई नहीं है। पहले भी ब्लैक फंगस के केस आते रहे हैं। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।