दिल्ली ,25 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) मां बनना हर महिला का स्वप्न होता है। लेकिन बच्चा सही समय और उम्र में पैदा किया जाए यह बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे को जन्म देने की सही उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच होती है। इससे पूर्व या बाद में गर्भधारण करने पर गर्भस्थ शिशु में विकृति की आशंका ज्यादा होती है। ये विकृतियां क्रोमोसोम जीन में हुई किसी गड़बड़ी के कारण आ सकती हैं। इसलिए अधिक या कम उम्र में गर्भ धारण करने से बचना चाहिए
शोध के अनुसार
न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने भी इस बात का खुलासा किया है जो महिलाएं शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा कर लेती हैं, उन्हें गर्भधारण में तो समस्याएं आती ही हैं उनका बच्चा भी अस्वस्थ पैदा होता है। न्यूजीलैंड में आकलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान पाया कि जो महिलाएं शादी के कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के बाद ही गर्भवती हो जाती हैं, उनकी और उनके बच्चे की जान को तीन गुना खतरा बढ़ जाता है। इस अवस्था को प्री-एक्लेंप्सिया कहते हैं। इसके कारण न्यूजीलैंड में हर साल एक हजार नवजात बच्चों और दस मांओं की मृत्यु हो जाती है।
ब्रिटिश अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पहली बार गर्भधारण करने वाली 2,507 महिलाओं से इस बारे में बात की। उन्होंने इन महिलाओं से पूछा कि वह बच्चे के पिता के साथ कितने समय से हैं। उसके बाद परिणामों से पता लगा कि जो महिलाएं शादी के छह महीने बाद गर्भवती हुई थीं उनके बच्चे अपेक्षाकृत स्वस्थ थे और उनमें प्री-एक्लेंप्सिया की संभावना भी कम पाई गई।
इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि शादी के बाद कुछ समय रुककर बच्चा पैदा करना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। इस शोध के परिणाम जर्नल आफ रिप्रोडक्टिव इम्यूनोलाजी में प्रकाशित किए गए हैं।
क्यों नहीं करना चाहिए कम या ज्यादा उम्र में गर्भधारण
जो महिलाएं 35 की उम्र के बाद या 18 साल की उम्र से पहले गर्भधारण करती हैं उनके बच्चों में मानसिक कमजोरी आ सकती है। साथ ही ऐसे बच्चे सामान्य पैदा हुए बच्चों की तुलना में शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर भी होते हैं। यूं तो गर्भधारण की सही उम्र का कोई सटीक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन कम से कम 30 की उम्र से पहले गर्भधारण कर लेना चाहिए। क्योंकि 35 की उम्र के बाद गर्भधारण करने के अवसर भी कम हो जाते हैं।
कम उम्र में मां बनने के जोखिम
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष 18 वर्ष से कम उम्र की करीब 73 लाख लड़कियां मां बनती हैं। जिसकी वजह से मां और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां पैदा हो जाती हैं। इन 73 लाख में से भी तकरीबन 20 लाख लड़कियां वे होती हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष या उससे भी कम होती है। ऐसी लड़कियों को भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं जिसके सामाजिक कुपरिणाम भी होते हैं और इन लड़कियों की मौत होने का खतरा भी बढ़ जाता है।