चंडीगढ़ ,18 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया )। ट्रेन में सीट के विवाद को लेकर फरीदाबाद के गांव खंदावली निवासी जुनैद की हत्या मामले में शुक्रवार को सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले की शुरूआत में सीबीआइ ने जांच पर अपना पहले वाला स्टैंड रखते हुए कहा कि उसके पास स्टाफ की कमी और काम का बोझ है, पुलिस ने चार्जशीट भी दायर कर दी है, ऐसे में इस मामले की जांच राज्य पुलिस से ही करवाई जाए। हालांकि हाई कोर्ट के जो भी आदेश होंगे उसका सीबीआइ पालना करेगी।
बहस के दौरान जुनैद के पिता के वकील ने कहा कि हरियाणा पुलिस इस मामले की सही जांच नहीं कर रही। अधिकतर आरोपियों पर जमानती धारा लगा दी ताकि उनको जमानत मिल सके। उन्होंने कहा कि 161 के तहत दर्ज ब्यान पर अधिकतर पेज पर हस्ताक्षर नहीं हैं, जिससे यह नहीं पता चलता कि यह बयान किसके हैं। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि यह घटना एक जगह नहीं घटी एक स्थान पर झगड़ा होने के बाद जुनैद की तरफ से फोन पर अगले स्टेशन पर और दोस्तों को बुला लिया गया गया था।
यह झगड़ा एक जगह का नहीं वरन दो जगह का है। पुलिस ने इस मामले में 100 से ज्यादा डेली पैसेंजर से पूछताछ भी की है। इस मामले में 45 गवाह बनाए गए हैं जिसमें से 15 की गवाही हो चुकी है और 16 को गवाही के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। इस मामले में पुख्ता जानकारी देने वाले के लिए पुलिस की तरफ से इनाम की घोषणा भी की गई है। मामले में 4 आरोपी जमानत पर हैं और दो मुख्य आरोपी जिन पर हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज है वो जेल में बंद है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
मामले में पिछली सुनवाई पर डीएसपी रेलवे फरीदाबाद मोहिंद्र कुमार ने एक संक्षिप्त हलफनामा दिया था। हलफनामे में कहा गया था कि इस मामले में मृतक जुनैद का पिता झूठ बोल रहा है। उसने पंचायत के सामने पैसे व जमीन की मांग की थी, उसके पास इस बात की सूचना थी। मगर अब वह इस बात से मुकर रहा है।
बता दें कि 16 वर्षीय जुनैद 22 जून को ट्रेन में सीट को लेकर हुए झगड़े में मारा गया था, जबकि उसके दो भाई घायल हो गए थे। उल्लेखनीय है कि जुनैद के पिता ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि उसने समझौते के लिए दो करोड़ रुपये और तीन एकड़ जमीन की मांग सरकार से कभी नहीं की।
इससे पहले सरकारी वकील ने हाई कोर्ट को बताया था कि सरकार ने उसके परिवार के दो लड़कों को सरकारी नौकरी व दस लाख रुपये का मुआवजा भी दिया है, लेकिन जुनैद का परिवार समझौते के लिए दो करोड़ रुपये और तीन एकड़ जमीन की मांग कर रहा है। सरकारी वकील ने आरोप लगाया था कि उक्त मांग नहीं मानने पर ही पीड़त परिवार ने मामले की जांच सीबीआइ से करवाने के लिए याचिका दायर की है।