नई दिल्ली,5 नवंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) । भारतीय टीम इन दिनों लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन टीम के ये खिलाड़ी अब गेंद और बल्ले दोनों से ही निराशाजनक प्रदर्शन कर रहा है। इस खिलाड़ी के टीम में आने के बाद कई तरह की बातें होने लगी और लगा कि एक ऑलराउंडर की कमी से जो टीम जूझ रही थी वो खोज पूरी हो चुकी है लेकिन क्या सचमुच ऐसा हो रहा है।
निराश कर रहे हैं हार्दिक पांड्या
इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या में काफी क्षमता है और उनके आने से भारतीय टीम काफी संतुलित दिख रही है। पांड्या अच्छी बल्लेबाजी के साथ-साथ अच्छी गेंदबाजी भी कर सकते हैं लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे या फिर टी20 सीरीज की बात करें तो उन्होंने खासा निराश किया है। इन दिनों पांड्या ना तो अच्छी गेंदबाजी कर पा रहे हैं और ना ही उनकी बल्लेबाजी अच्छी हो रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में 78 रन और दूसरे मैच में 41 रन की पारी के बाद उनके बल्ले से कोई बड़ी पारी नहीं निकली। गेंदबाजी में भी यही हाल है। अच्छे गेंदबाज होने के बावजूद वो ज्यादा विकेट निकालने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
पांड्या का न्यूजीलैंड के खिलाफ प्रदर्शन
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए तीन मैचों की वनडे सीरीज में पांड्या ने क्रमश: 16, 30 और 8 रन की पारी खेली साथ ही इन मैचों में उनकी गेंदबाजी की बात करें तो तीन मैचों में उन्होंने कुल दो विकेट लिए। इसके अलावा कीवी टीम के खिलाफ खेले गए दो टी20 मैचो में तो उनकी बल्लेबाजी साफ तौर पर फ्लॉप रही। पहले मैच में उन्होंने शून्य तो दूसरे में सिर्फ एक रन की पारी खेली। वहीं इन दोनों मैचों में गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने पहले मैच में एक ओवर में 11 रन देकर एक विकेट लिए तो दूसरे मैच में एक ओवर में उन्होंने 14 रन लुटाए और फिर उन्हें गेंदबाजी नहीं सौंपी गई।
पांड्या से काफी उम्मीदें
हार्दिक पांड्या के टीम में आने से ऑलराउंडर की समस्या तो खत्म होती नजर आ रही है लेकिन उनका प्रदर्शन अब उनके आड़े आ रहा है। टीम को इस खिलाड़ी का काफी उम्मीदें हैं जो उन्हें पूरी करनी ही होगी। वो टीम को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही सहयोग कर सकते हैं लेकिन जिस तरह से वो दोनों ही डिपार्टमेंट में फेल हो रहे हैं वो निराश करने वाला है। उनके टीम में आने के बाद कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी तारीफ की साथ ही उनकी तुलना पूर्व ऑलराउंडर कपिल से होने लगी। अब किसी खिलाड़ी का कपिल के साथ तुलना किया जाना ही अपने आप में सम्मान की बात है। ऐसे में पांड्या पर दबाव है ना सिर्फ अच्छे प्रदर्शन का बल्कि खुद को कपिल जैसा एक शानदार ऑलराउंडर साबित करने का भी।