दिल्ली ,31 अक्तूबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) नींद से जागेंगे भगवान, मंगलवार से शुरू करें मंगल कार्य कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने बाद जागते हैं और मंगल कार्य शुरू होते हैं। जानें इसका महत्व...
गहरी नींद में सोते रहते
हिंदू धर्म में एक साल में 24 एकादशी पड़ती हैं। इनमें से एक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली देवोत्थान एकादशी भी है। दीपावली के 11 दिन बाद पड़ने वाली ये एकादशी बेहद खास मानी जाती है। इसे देव उठनी एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इस बार यह एकादशी 31 अक्टूबर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। पद्म पुराण के अनुसार मान्यता है कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को क्षीर सागर में विश्राम के लिए चले जाते हैं। भगवान विष्णु जी चार महीने तक गहरी नींद में सोते रहते हैं।
विवाह, मुंडन जैसे कार्यक्रम
इसीलिए इन चार माह में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इसके बाद विष्णु जी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को नींद से जागते हैं। इस दिन तुलसी जी का भगवान शालिग्राम जी के साथ धूमधाम से विवाह किया जाता है। देवोत्थान एकादशी से विवाह, मुंडन जैसे कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। देवोत्थान एकादशी पर व्रत करना शुभ होता है। इस खास दिन पर भगवान विष्णु का पूजन करने वाले साधक को सभी सुखों और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।