-उत्साह से कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे हैं बच्चे
-12 से 14 साल के बीच की उम्र के बच्चों को लगाई जा रही कोर्बेवैक्स वेक्सीन
-16 मार्च 2022 को शुरू किया गया था इन बच्चों का टीकाकरण
-60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को लगाई जा रही बूस्टर डोज
संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। कोरोना रोधी वैक्सीन के टीकाकरण की दिशा में अब तक देश में तीन वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक, फाइजर और बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स आ चुकी हैं। कम से कम 12 साल की उम्र के बच्चों से लेकर उम्रदराज लोगों को कोरोनारोधी वैक्सीन लगाई जा रही हैं। बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स वैक्सीन हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित की गई है।
12 साल से 14 साल की उम्र के बीच के बच्चों को सिर्फ कोर्बेवैक्स ही लग रही है। शुरू में तो लोग वैक्सीन लगवाने से हिचकिचा रहे थे, लेकिन समय के साथ सभी ने वैक्सीनेशन कराने में दिलचस्पी दिखाई। अब बच्चों में तो वैक्सीन के लिए उत्साह नजर आ रहा है।
यहां नागरिक अस्पताल में वैक्सीनेशन के लिए आए मितांश, नैतिक, दक्ष, दीक्षा, लवण्या, कार्तिक, प्रियांशु ने बताया कि कोरोना के कारण हम सब काफी परेशान रहे। कोरोना में सभी घरों में बंद हो गए थे। कोरोना कम होने के बाद वैक्सीन आ चुकी है तो हम सबका यह फर्ज है कि हम वैक्सीन लगवाएं। फ्यूचर में सेफ रहने के लिए वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है। कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन वैपन है। इसे हमें अपनाना है। वैक्सीन लगवानी है। वे अपने साथ पढऩे वाले बच्चों को भी यह वैक्सीन लगवाने के लिए कह रहे हैं।
हरियाणा के 14 लाख बच्चों को लगनी है वैक्सीन
देश में 12 से 14 साल के 4 करोड़ 74 लाख 73 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाई जानी है, इसमें हरियाणा के 14 लाख बच्चे शामिल हैं। टीकाकरण के लिए मार्च 2022 तक बच्चों की उम्र 12 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यानी वर्ष 2008 से 2010 के बीच जन्मे बच्चों को ही यह वैक्सीन लगाई जा सकती है। इसी गाइडलाइन के आधार पर बच्चों को यहां वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
28 दिन के अंतराल पर लेनी होंगी दो खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 12 से 13 साल के बीच 1,21,43,000 लड़के और 1,13,27,000 लड़कियां हैं। इसी तरह 13 से 14 साल के 1,22,50,000 लड़के और 1,14,23,000 लड़कियां हैं जिन्हें कोर्बेवैक्स की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में देनी जरूरी है।
60 से अधिक उम्र वालों को बूस्टर डोज
60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ऐहतियाती यानी बूस्टर डोज लगाई जा रही है। इसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिन्हें दूसरी खुराक लिए नौ माह से ज्यादा का समय बीत चुका है। किसी तरह की परेशानी ना हो, इसलिए बूस्टर डोज उसी कंपनी की लगाई जा रही है, जिसकी बुजुर्गों को पहली व दूसरी वैक्सीन लगी थी।