Haryana
एचपीएससी केनौकरी बिक्री घोटालों की जांच शुरू होने से पहले हुई बंद!
November 25, 2021 11:14 PM
चंडीगढ़। हरियाणा लोक सेवा आयोग में हुए भर्ती घोटाले को लेकर आक्रामक हुए विपक्ष ने अब सरकार को विजिलेंस जांच के मामले में घेर लिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नौकरी बिक्री घोटाले की जांच शुरू होने से पहले ही बंद हो गई है। विजिलेंस ने इस मामले में अभी तक कोई बरामदगी नहीं की है और आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जिससे यह केस पूरी तरह से कमजोर हो गया है।
पेशे से वकील रणदीप सुरजेवाला ने सिलसिलेवार रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि एचसीएस की परीक्षा का परिणाम 24 सितंबर 2021 को आया और अनिल नागर की गिरफ्तारी करीब 56 दिन बाद 18 नवंबर को हुई तथा उसके बाद रेड में ओएमआर शीट बरामद हुई। तो क्या नागर ओएमआर शीट दो महीने से अपने दफ्तर में रखे बैठा था।
20 नवंबर को विजिलेंस ब्यूरो ने बताया कि डिप्टी सैक्रेटरी अनिल नागर को एक करोड़ रुपये रिश्वत के साथ उनके दफ्तर से गिरफ्तार किया गया है।
विजिलेंस ने 23 नवंबर को अदालत में दी रिमांड की दरख्वास्त में यह माना कि आरोपी अनिल नागर को हरियाणा लोकसेवा आयोग से रिश्वत के 1.07 करोड़ के साथ गिरफ्तार किया गया।
इसी दिन एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया के समक्ष अनिल नागर के कार्यालय से रिश्वत रिकवर होने की बात को खारिज कर दिया। विजिलेंस ने अभी तक नागर व अन्य आरोपियों के ठिकानों से कोई बरामदगी नहीं की है। फिर रिमांड की अवधि को कैसे खत्म कर दिया गया। इसके बाद अनिल नागर, अश्वनी शर्मा तथा नवीन का रिमांड खारिज हो गया।
पुलिस रिमांड के बगैर इन षडय़ंत्रों की परत कैसे खुलेगी और कैसे कागजात की बरामदगी होगी। इससे साफ होता है कि जांच शुरू होने से पहले ही बंद हो गई है। एचपीएससी रिश्वत कांड पर पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के युवाओं के पास अब केवल दो रास्ते बचे हैं। पहला, अटैची देकर नौकरी खरीद लें। दूसरा सरकार की आंखों में आंखें डालकर जवाब मांगें।