चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद व समर्थको ने शनिवार को पानीपत की सड़कों पर जमकर दबंगई दिखाई।
शहर में खुलेआम त्रिशूल, तलवार व फरसे लहराये गए। यहां तक जयहिंद समर्थक पुलिस थाने में भी तलवारे लेकर घुस गए। तीन साल पुराने केस में सम्मन देने वाली पुलिस ने भीड़ को देख यू टर्न ले लिया और गिरफ्तारी से इनकार कर दिया। पुलिस ने जांच पेंडिंग होने का तर्क देकर मामले को टाल दिया।
पुलिस ने चार दिन पहले नोटिस दिया था और आज उम्मीद से कही अधिक जयहिंद समर्थक पानीपत में थे।
चार दिन से लगातार नवीन जयहिंद तीन साल पुराने केस जो कि पानीपत पुलिस ने उनकी नशे के खिलाफ निकली गई “भाईचारा – कावड़ यात्रा” पर किया था लेकर पुलिस व् प्रशासन पर मीडिया व् प्रेस के माध्यम से तीखी बयानबाजी कर रहे थे।
करीब दो साल बाद राजनीतिक अज्ञातवास समाप्त कर पहली बार पानीपत पहुँचे नवीन जयहिंद में पुराने केस को दोबारा उठाये जाने पर सवाल खड़े किए की क्या सरकार नही चाहती कि प्रदेश में भाईचारा बना रहे। क्या नही चाहती प्रदेश के युवा नशे से दूर रहे।
शनिवार को पानीपत में कोर्ट के सामने नवीन जयहिन्द के समर्थन में पहुंचे हजारो समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी से पहले सरकार खिलाफ जमकर नारेबाजी की व् उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया। पुलिस के लिए उन्हें सम्भालना बड़ा मुश्किल हो गया था। समर्थकों के जोश से प्रशासन भी हिल गया।
नवीन जयहिन्द ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में स्पष्ट कहा कि वे भोले के भगत है न कि भगोड़े, इस तरह से कावड़ियों को परेशान करना कहाँ तक उचित है। एक तरफ तो सरकार खुद को धर्म का ठेकेदार मानती है दूसरी तरफ शांतिपूर्ण तरीके से निकली गई भाईचारा – कावड़ यात्रा पर केस करती है और तीन साल बाद उस यात्रा का हिस्सा बने भक्तों के घर जाकर उन्हें तंग कर रही है। वे कावडिये है कोई कायर नही है जो एक केस के नाम से डर जायेंगे। हरियाणा के 50 लाख कांवड़िए हर साल भोले की भक्ति में लीन होकर कावड़ लेने जाते है, सरकार ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुचाई है। जिस तरह से भोले के भक्तों को परेशान किया गया है। उसे नवीन जयहिंद बिलकुल बर्दाश्त नही करेगा क्योकिं जयहिन्द न तो माफ़ करता और न ही भूलता है।
नवीन जयहिन्द ने कहा कि उनके नाम पर पहले भी केस चल रहे है और आज एक और केस पानीपत पुलिस कर दे तो भी वो पीछे नही हटेंगे। भोले के भक्त यमराज से भी नही डरते है तो इन झूठे केसों से कैसे डर सकते है।
अगर प्रदेश की शांति के लिए, नौजवानों को नशे के खिलाफ संदेश देने के लिए और भाईचारे के लिए कावड़ यात्रा निकालना गुंडागर्दी है तो सरकार सबसे पहले उन्हें जेल में डाले। इससे पहले भी वो पुलिस की लाठियां खा चुके तो अब जेल जाने से घबराएंगे नहीं।