चंडीगढ़, 9 अक्तूबर। कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बार्डर पर बैठे किसानों से एक तरफ का रास्ता खुलवाने के मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में गृहमंत्री को अब तक हुईअदालती कार्रवाई की रिपोर्ट भी दी। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले नौ माह से सिंघु बार्डर पर हरियाणा की सीमा में बैठे हुए हैं। इससे दिल्ली आने-जाने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों सिंघु व टीकरी के आसपास के ग्रामीणों के शिष्टमंडल रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मिल चुके हैं।
बीती चार अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनरत किसानों को भी अब पार्टी बना लिया है। इस सुनवाई से पहले मुख्यमंत्री ने शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात में इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने हरियाणा में अन्य स्थानों भी पर किसानों द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शनों की स्थिति के बारे केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत करवाया गया।
मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध होने के परिणामस्वरूप आम जनता विशेषकर सिंघु बार्डर व टिकरी बार्डर के निकटवर्ती औद्योगिक क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परेशानी बनी हुई है। निकटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों द्वारा अवरूद्ध हुए राजमार्गों को खुलवाने के लिए लगातार मांग भी की जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के उपरांत मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उपरोक्त विषय पर बातचीत जारी है और 20 अक्तूबर को हरियाणा सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी। किसान नेताओं को भी पार्टी बनाया गया है। इससे पहले किसान संगठनों के साथ कोई सहमति बनती है तो सही है। उसके उपरांत सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार राजमार्गों को खुलवाया जाएगा। किसानों से उनके विरोध प्रदर्शन व आंदोलन के दौरान शांति बनाए रखने की सदैव अपील की जाती रही है और केंद्रीय गृह मंत्री ने भी यही अपेक्षा की है।