चंडीगढ़, 6 अक्टूबर। हरियाणा वाटर रिसोर्स ऑथोरिटी की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि राज्य में आगामी वर्ष के अंदर एक लाख एकड़ भूमि की उर्वरता में सुधार किया जाएगा, जिसके लिए प्रथम चरण का भूमि संबंधित सर्वे चार जिलों में पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही राज्य के नूंह, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा पांच जिलों में दूसरे चरण का सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
अरोड़ा ने बुधवार हरियाणा वाटर रिसोर्स अथोर्टी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर गठित यह अथोर्टी राज्य के विभिन्न जिलों में गिरते जल स्तर तथा वाटर लॉगिंग की समस्या पर एक व्यापक योजना पर कार्य कर रही है। किसानों की सुविधा एवं प्रदेश में भू-जल स्तर से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सरकार द्वारा केन्द्रीयकृत पानी निगरानी प्रणाली तैयार की जा रही है।
चेयरपर्सन ने बताया कि जहां एक ओर राज्य के 14 जिलों में भू-जल स्तर गिर रहा है,वहीं दूसरी ओर प्रदेश के नौ जिले वाटर लॉगिंग की समस्या से जूझ रहे हैं। इसमें प्रतिवर्ष नौ प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की जा रही है। हरियाणा सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों को संयुक्त रूप से सर्वे के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
हरियाणा कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.सुमिता मिश्रा ने कहा कि शीघ्र ही उक्त पांच जिलों में सर्वे का कार्य शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 415 गांवों में सर्वे किया गया है, जिसमें किसानों से बातचीत कर इस संबंध में जानकारी दी गई।