चंडीगढ़, 30 सितम्बर। दिल्ली से लगते सिंघु और टीकरी बॉर्डर के आसपास के 20 से अधिक गांवों के लोगों ने किसान आंदोलन के कारण हो रही परेशानियों के मद्देनजर बार्डर खुलवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की।
समस्याओं को सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए बॉर्डर के रास्ते खुलवाने का पूरा प्रयास कर रही है। इस दौरान हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल भी मौजूद रहे।
राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से जल्द रास्ते खुलवाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ध्येय माहौल को ठीक बनाए रखते हुए रास्ते खुलवाना है। आज ही सुप्रीम कोर्ट ने रास्ते खुलवाने वाली याचिका में सयुक्त किसान मोर्चा को पार्टी बनाए जाने को कहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी और दुकानदारों को हो रहे नुकसान को लेकर वे भी चिंतित हैं। चार अक्टूबर को इस संबंध में कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है, इसके बाद वे केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे और जल्द ही स्थिति सामान्य होंगी।
बंद रास्तों के कारण हो रही परेशानी से बॉर्डर क्षेत्र के लोगों में बेहद आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि रास्ते बंद होने से वे बर्बादी की कगार पर आ गए हैं। ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के छोटे दुकानदारों ने भी अपनी परेशानी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बॉर्डर के पास दुकानदारों और शोरूम मालिकों के काम-धंधे पूरी तरह ठप हो गए हैं। हालात ये है कि कामकाज ठप होने के कारण लोगों के सामने पलायन करने की स्थिति आ गई है।
ग्रामीणों ने कहा कि रास्ते बंद किए बैठे लोग स्थानीय निवासियों के जी का जंजाल बन गए हैं। आए दिन मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों ने दिन और रात दोनों वक्त पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की पेट्रोलिंग तुरंत बढ़ाई जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि बॉर्डर पर रास्ते बंद होने से आसपास के गांवों के बच्चों का स्कूलों में जाना लगभग बंद हो गया है। इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।