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Haryana

सरकार ने सौ एमएम से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों पर मांगी रिपोर्ट

September 26, 2021 11:54 PM



चंडीगढ़, 25 सितम्बर। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रदेश में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों की अगले 48 घंटे में रिपोर्ट  दें ताकि प्रभावित क्षेत्र की स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को उनके नुकसान की भरपाई की जा सके। उन्होंने बताया कि जो फसलें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर नही होती हैं उन फसलों के नुकसान का भी मुआवजा दिया जाएगा।
डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का प्रभार भी है, ने शनिवार को अपने निवास पर पत्रकार-वार्ता के दौरान बताया कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार 30 सितंबर तक गैर-मौसमी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिला की रिपोर्ट बनाकर भेजें जिसमें 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश तथा बारिश के कारण जलभराव की रिपोर्ट भेजना सुनिचित करें।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बागवानी व दलहनी जैसी उन फसलों के नुकसान की भी क्षतिपूर्ति की जाएगी जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कवर नहीं होती हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दलहन व कपास की फसल में ज्यादा नुकसान होने की संभावना है जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद स्पेशल गिरदावरी करवाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि केएमपी के आस-पास के क्षेत्र में करीब साढ़े सात हजार एकड़ में जलभराव की समस्या भी सामने आई है, इसमें जिन-जिन किसानों को नुकसान हुआ है, रिपोर्ट आने के बाद गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष फसलों के नुकसान की जो नियमित गिरदावरी हुई थी उसकी भी रिपोर्ट आ गई है, सरकार ने बीमा कंपनियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे किसानों के मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द करें, इसके अलावा जो फसलें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कवर नहीं होती हैं उनके नुकसान का भुगतान करने के लिए भी उपायुक्तों को निर्देश दे दिए गए हैं।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पिछले एक वर्ष में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में जो वृद्घि हुई है वह किसानों के उत्थान में एक बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने गत वर्ष व चालू वर्ष के दौरान खरीद की गई फसलों की तुलनात्मक जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष राज्य के किसानों के खाते में करीब 1300 करोड़ रूपए ज्यादा दिए हैं।
उन्होंने डीबीटी को किसानों के लिए लाभकारी कदम बताते हुए कहा कि जब करीब 1.5 वर्ष पहले गेहूं खरीद में यह किसान-हितैषी प्रक्रिया शुरू की गई तो कुछ विपक्षियों ने विरोध भी किया था परंतु बाद में उन्हीं की पार्टी की राज्य सरकारों ने भी हरियाणा सरकार का अनुकरण किया। उन्होंने बताया कि एक अक्तूबर से शुरू होने वाली फसलों की खरीद में भी फसल का मूल्य किसानों के खाते में सीधा भेजा जाएगा।
 
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