-गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दिया यह तोहफा
-प्रदेश में स्टाफ नर्सों ने मनाया इस जीत का जश्न
संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। हरियाणा में अब स्टाफ नर्स नर्सिंग ऑफिसर कहलाएंगीं। लंबे समय से स्टाफ नर्सों की यह मांग थी, जिसे अब जाकर सरकार ने पूरा किया है। इस जीत पर प्रदेशभर में स्टाफ नर्सों ने जश्न मनाया। व्यक्तिगत रूप से भी और सोशल मीडिया पर भी नर्सिंग ऑफिसर एक-दूसरे को बधाई देने में लगीं रही।
नर्सों की मुख्यत: तीन श्रेणियां स्टाफ नर्स, नर्सिंग सिस्टर और मैटर्न हैं। इन तीनों श्रेणियों का ही अब नाम बदल गया है। स्टाफ नर्स नर्सिंग ऑफिसर कहलाएंगी। नर्सिंग सिस्टर सीनियर नर्सिंग ऑफिसर और मैटर्न स्टाफ चीफ नर्सिंग ऑफिसर कहलाएंगी। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा इस मांग को पूरा किये जाने की घोषणा के साथ ही वित्त विभाग की ओर से इस बाबत पत्र भी जारी कर दिया गया।
परिवार की तरह रखते हैं मरीजों का ख्याल: पूनम सहराय
अपना नया टाइटल मिलने पर जश्न मना रहीं नर्सिंग ऑफिसर पूनम सहराय बोलीं कि लंबे समय से उनकी यह मांग थी। जिसे सरकार ने अब पूरा किया है। इसके लिए नर्सिंग एसोसिएशन गुडग़ांव की प्रेजीडेंट कमलेश सिवाच समेत सभी पदाधिकारियों को पूरा श्रेय जाता है। सभी ने कड़ी मेहनत की। पूनम सहराय ने कहा कि दिल्ली के एम्स समेत अन्य कई राज्यों में नर्सिंग स्टाफ को नर्सिंग ऑफिसर का दर्जा पहले से ही मिला हुआ है। चिकित्सा का सबसे अधिक जिम्मा नर्सिंग ऑफिसर कंधों पर होता है। अपने परिवार की तरह वे मरीजों का ख्याल रखती हैं। उनके लिए ना कोई छोटा होता है और ना कोई बड़ा। अस्पताल में उनके लिए हर मरीज के लिए सकारात्मकता रहती है। नर्सिंग पेशा अपने आप में ही एक समर्पण और त्याग का है।
लंबे समय का था सपना, पूरा हुआ: रितु मलिक
नर्सिंग ऑफिसर रितु मलिक कहतीं हैं कि यह बहुत ही सम्मान का दिन है। इस दिन की सभी नर्सिंग स्टाफ को बेसब्री से इंतजार था। उनका यह एक तरह से सपना पूरा हुआ है। उन्हें खुशी है कि देर से ही सही, सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करके नर्सिंग ऑफिसर का तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि घर-परिवार व कार्यस्थल के बीच सामंजस्य बिठाकर जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में नर्सिंग ऑफिसर काम करती हैं, वह बहुत ही चुनौती भरा होता है। मरीजों का स्वास्थ्य सही करने को नर्सिंग ऑफिसर जिस जुनून के साथ तरह से काम करती हैं, वह किसी कलम से नहीं लिया जा सकता। उन्होंने नर्सिंग एसोसिएशन गुडग़ांव की प्रेजीडेंट कमलेश सिवाच व अन्य पदाधिकारियों द्वारा इस काम के लिए किए गए संघर्ष का फल बताया।
निष्पक्षता से करते हैं काम: जपिन्द्र
नर्सिंग ऑफिसर जपिन्द्र का कहना है कि नया नाम मिलना बहुत ही खुशी की बात है। इस नाम के लिए प्रयास करने वाली नर्सिंग एसोसिएशन का भी धन्यवाद। एसोसिएशन ने लगातार इस पर काम किया। सरकार से बार-बार इस बारे में आग्रह किया। आखिर में नर्सिंग ऑफिसर का नाम हमें मिला है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग ऑफिसर कभी भी अपने काम में कोई कमी नहीं छोड़तीं। ड्यूटी पर निष्पक्षता से काम करते हुए वे मरीजों को उपचार देती हैं। बहुत बार अपने परिवार की समस्याओं को नजरअंदाज करके ड्यूटी निभानी पड़ती है। ऐसी जुझारू स्टाफ नर्सों को सरकार ने नर्सिंग ऑफिसर का दर्जा देकर सम्मान बढ़ाया है।