चंडीगढ़, 2 सितंबर। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘‘देश को वर्ष 2025 तक टीबी फ्री’’ बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में हरियाणा अहम योगदान देगा। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि हरियाणा में यदि प्राईवेट डाक्टर के पास व क्लीनिक में टीबी का मरीज आता है और उसकी जानकारी हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग या संबंधित सिविल सर्जन कार्यालय में उनके द्वारा नहीं दी गई तो ऐसे प्राईवेट डाक्टर व क्लीनिक के साथ-साथ प्रयोगशालाओं के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विज ने यह जानकारी गुरुवार यहां केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कांफ्रैंसिंग बैठक के दौरान दी। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान और डीबीटी अभियान की भी शुरूआत की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यद्यपि यह एक नोटीफाइड बीमारी हैं,परंतु फिर भी कुछ ऐसे डाक्टर, क्लीनिक्स व प्रयोगशालाएं हैं जो इस बीमारी का इलाज कर रही है और इसकी जानकारी संबंधित सिविल सर्जन व सरकार को मुहैया नहीं कर रही हैं और इससे आंकडों में फर्क आ जाता है।
इसी प्रकार विज ने सुझाव देते हुए कहा कि हमें राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी स्कीम की भी शुरूआत करनी चाहिए जिसमें टीबी के मरीज को सप्लीमेंट दिया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव देते हुए कहा कि इसकी एक ऐप भी बनाई जानी चाहिए और हर मरीज की जीयो-लोकेशन भी होनी चाहिए ताकि उसकी समय-समय पर वैरीफिकेशन हो सके जैसे कि जब ऐसे मरीज को दवाई दी जाए तो उसके इलाज के स्तर के संबंध में पता चल सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम हरियाणा उसी प्रकार, हमारी टीम टीबी को समाप्त करने के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ेगी जिसमें आशा वर्करों एवं डाक्टरों सहित अन्य पदाधिकारियों का पूरा सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के देश को वर्ष 2025 तक टीबी फ्री बनाने के सपने को अवश्य साकार करेंगे। विज ने कहा कि आज की बैठक के माध्यम से हमें बहुत सी नई जानकारियां व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।