चंडीगढ़, 31 अगस्त। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा करनाल में हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाने तथा भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करते हुए मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। इस मुलाकात के बहाने हुड्डा ने एक बार फिर से शक्ति प्रदर्शन करते हुए हाईकमान को संदेश देने का प्रयास किया।
राज्यपाल को दिए ज्ञापन में उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि वह मॉनसून सत्र में पास किए गए नए भूमि अधिग्रहण विधेयक पर अपनी सहमति ना दें और इसे संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत पुनर्विचार के लिए हरियाणा विधानसभा को वापस भेजें। क्योंकि यह विधेयक किसान, गरीब विरोधी और अप्रजातांत्रिक है। विधेयक को सदन में बिना विस्तृत चर्चा के जल्दबाजी में पारित किया गया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नया विधेयक केंद्रीय प्रधान अधिनियम 2013 के इरादे और भावनाओं के विरुद्ध है। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के सामने 28 तारीख को करनाल में हुए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज का मुद्दा भी उठाया। हुड्डा ने कहा कि यह लाठीचार्ज सरकार की गहन सोच और योजना के तहत हुआ। इसमें एक उच्च अधिकारी का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह किसानों का सिर फोडऩे की बात कह रहा है।
राज्यपाल को अधिकारी की वीडियो भी सौंपी गई है। इस मामले में कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की है ताकि घायल किसानों को पूर्ण न्याय मिल सके। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने अपने आवास पर एक पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। उन्होंने बीजेपी सरकार के 2500 दिन पूरे होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बीजेपी के पूरे कार्यकाल के दौरान प्रदेश में ना कोई नई रेलवे लाइन, नई मेट्रो ट्रेन लाइन, कोई एम्स, नई यूनिवर्सिटी, पावर प्लांट, राष्ट्रीय स्तर का संस्थान आया और ना ही कोई बड़ा उद्योग स्थापित हुआ। इस अवसर पर हुड्डा के अलावा कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, शकुंतला खटक, आफताब अहमद, भारत भूषण बत्तरा, कुलदीप वत्स, धर्म सिंह छोकर समेत कई विधायक मौजूद थे।