चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐलान किया है कि प्रदेश में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया जाएगा। बहुत जल्द हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया जाएगा।
सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आउटसोर्सिंग से जुड़ी सभी प्रकार की भर्तियां अब सरकार ही करेगी। ठेकेदार का रोल बीच से खत्म हो जाएगा। इसके लिए 'हरियाणा कौशल रोजगार निगम' नामक खुद की कंपनी सरकार बनाने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया जा चुका है। कर्मचारियों के संगठन भी ठेकेदारी प्रथा के विरोध में हैं। उनका आरोप है कि ठेकेदार किसी भी कर्मचारी की भर्ती के लिए सरकार से अधिक पैसा लेते हैं और कर्मचारी को कम देते हैं। वह न तो पीएफ जमा कराते हैं और न ही ईएसआइ की कोई सुविधा प्रदान कराते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने दो करोड़ रुपये की इक्विटी शेयर के साथ कंपनी की स्थापना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा सभी विभागों से वर्तमान में ठेकेदारों के तहत काम कर रहे कर्मचारियों का ब्यौरा मांग लिया गया है। पिछला रिकार्ड भी निकाला जा रहा है। जो लोग पहले से ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे हैं उनका फीड बैक भी लिया जा रहा है। एक कमेटी के माध्यम से नए निगम के गठन को लेकर नियम व शर्तें तय करने का काम शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द यह निगम हरियाणा में काम करना शुरू कर देगा।