हरियाणा। भाई-बहन के प्रेम एवं आस्था का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व रविवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। सुबह से ही बहनों का अपने भाईयों के घर पहुंचना शुरु हो गया था। बहुत सी बहनें तो बीती रात ही अपने भाईयों के यहां पहुंच गई थी।
दूर-दराज के क्षेत्रों से महिलाओं ने अपने भाइयों के पास कोरियर व डाक सुविधा के जरिये राखियां भेजी। बहनों ने अपने भाईयों को राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लिया। शहर के बाजारों व मॉल्स में भी रक्षाबंधन के पर्व पर काफी रौनक देखने को मिली। उधर हलवाईयों की दुकानों पर भी मिष्ठान आदि खरीदने वालों की भीड़ भी रही। रोडवेज बसों का संचालन भी बड़े स्तर पर किया गया।
प्रदेश सरकार ने रक्षाबंधन के पर्व पर ३६ घंटे के लिए महिलाओं व उनके १५ वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई गई। रोडवेज बसों में सवारियों की इतनी भीड़ रही कि बहुत सी परेशान महिलाओं ने प्राइवेट बसों में सफर करना ही मुनासिब समझा। क्योंकि बच्चों और सामान के साथ उनकी फ्री में सफर करने के चक्कर में परेशानी काफी बढ़ गई थी। ऊपर से रोडवेज की बसों में इतनी भीड़ थी कि बाद में चढऩे वाली महिलाओं को सीटें नहीं मिल रही थी।
बच्चों की उम्र को लेकर विवाद भी हुए
बहुत सी महिलाओं और कंडक्टर के बीच विवाद भी होने की सूचनाएं मिली। विवाद इस बात का कि महिलाएं अपने बड़े बच्चों को भी १५ साल से कम का बताकर फ्री सफर करने के चक्कर में थी। कंडक्टर इस बार पर अड़े रहे कि उनकी उम्र अधिक है और महिलाएं कम उम्र पर अड़ी रही। जब उम्र का सबूत मांगा तो महिलाएं कोई सबूत नहीं दिखा पाई। कंडक्टर ने कहा कि मोबाइल में आधार कार्ड होगा। काफी देर तक बहस के बाद आखिरकार कंडक्टर को ही शांत होना पड़ा। नाम न छापने की शर्त पर एक रोडवेज कर्मचारी ने बताया कि इस तरह की कई बसों के स्टाफ की ओर से शिकायतें उनके पास आई। इस त्योहार पर ज्यादा बहस करना ठीक नहीं समझा। इसलिए ज्यादातर को निशुल्क ही सफर करवाया।