चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को नाटकीय घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर उन्हें चुनाव के समय किए गए वादे पूरे करने की याद दिलाई है। सिद्धू ने उन सभी मुद्दों पर कैप्टन सरकार को घेरा है जिन्हें वह पिछले ढाई साल से उठा रहे हैं। इससे पहले नवजोत सिद्धू पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए पंजाब सिविल सचिवालय पहुंचे।
पंजाब की राजनीति में पिछले कई दिनों से उठापटक चल रही है। यहां विपक्षी दल तो सरकार को घेर ही रहे हैं वहीं अमरिंदर सिंह को अपनी ही पार्टी को भी जवाब देना पड़ रहा है। हाईकमान के निर्देश के बाद आज कांगे्रस प्रधान नवजोत सिद्धू ने कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह गिलजियां, कुलजीत सिंह नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी तथा पवन गुप्ता के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद सिद्धू कार्यकारी अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करने के लिए उनके फार्म हाउस पर जाने लगे तो अचानक कार्यक्रम बदल गया।
मुख्यमंत्री ने सिद्धू को पंजाब सचिवालय में ही मुलाकात के लिए बुलाया। सिद्धू तथा कार्यकारी अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री के साथ सचिवालय में कैबिनेट मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुरेश कुमार की मौजूदगी में मुलाकात की। करीब बीस मिनट की मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता सचिवालय से चले गए। इसके कुछ समय बाद सिद्धू द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा हुआ एक पत्र जारी किया गया। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि पंजाब के लोगों के साथ साढे चार साल में इंसाफ नहीं हुआ है। यहां गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के दोषी, एसटीएफ की पहली रिपोर्ट में आरोपी करार दिए गए ड्रग्स कारोबार के सरगना खुले घूम रहे हैं। सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को कहा कि आज नशा तस्करी में लिप्त बड़े कारोबारियों को बेनकाब करने, बिजली समझौते रद्द करने तथा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की जरूरत है। सिद्धू ने मुख्यमंत्री का ध्यान कांग्रेस हाईकमान द्वारा सुझाए गए 18 सूत्रीय एजेंडे की तरफ भी दिलाया। इस एजेेंडे पर आजतक कोई काम नहीं हुआ है। सिद्धू के इस पत्र के बाद एक बार फिर से पंजाब की राजनीति में सत्ता व संगठन के बीच नया विवाद शुरू हो गया है।