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झज्जर में किसानों ने धान के खेत में चलाए ट्रैक्टर

June 11, 2021 07:45 PM

चंडीगढ़, 11 जून। हरियाणा सरकार द्वारा जल संरक्षण व फसल विविधीकरण के प्रोत्साहन के लिए बीते वर्ष चलाई गई ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना को अपनाते हुए झज्जर जिला के गांव ढाकला के किसानों ने इस बार धान की फसल से तौबा कर ली है।
ढाकला के किसानों ने इस बार सामूहिक रूप से अपने खेड़े की 3445 एकड़ भूमि में धान की खेती नहीं करने का निर्णय लिया है। बीते वर्ष गांव के तीन हजार एकड़ रकबे में धान लगाई गई थी। इस बार तो दो किसानों ने स्वयं अपनी फसल स्वयं नष्ट करते हुए कम पानी वाली फसल अपनाने की पहल भी कर दी है। गांव के किसानों का मानना है कि धान में पानी की अधिक खपत से फसल की लागत तो बढ़ती ही है, साथ ही भूजल का भी अत्यधिक दोहन होता है। जबकि अन्य फसलों में कम लागत होने व सरकार की प्रोत्साहन राशि से पैसा और पानी दोनों की बचत होगी।  


ढाकला के किसानों का सामूहिक फैसला नहीं करेंगे खेती


मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव ढाकला के किसानों द्वारा लिए गए इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर बीते वर्ष ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना आरंभ की गई थी, उसमें सफलता मिलनी आरंभ हो चुकी है। इस वर्ष राज्य में दो लाख एकड़ भूमि को इस योजना के अधीन लाने का लक्ष्य है। गिरते भूजल स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री का कहना है कि आज हरियाणा के 36 खण्ड डार्क जोन में आ चुके हैं। अगर जल संरक्षण के प्रति आज सजगता नहीं बरती गई तो भविष्य में स्थिति भयावह हो सकती है। बीते वर्ष भी राज्य की 95 हजार एकड़ भूमि में धान की बजाए कम पानी से होने वाली फसलों की खेती की गई थी। प्रदेश में ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत एक लाख 13 हजार 885 किसान अब तक एक लाख 26 हजार 928 हैक्टेयर में धान की बजाए अन्य कम लागत वाली फसलों की खेती कर रहे हैं।
गांव ढाकला में धान की फसल नष्ट करने वाले किसान संतराम व जयपाल ने पंचायत की जमीन पट्टे पर लेकर इस बार धान लगाई थी लेकिन जल संरक्षण के प्रति गांव में बनी जागरुकता व हरियाणा सरकार की ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना से उन्होंने अपनी फसल नष्ट करने का निर्णय लिया। इन किसानों के इस कदम की न केवल आस-पास के गांवों में बल्कि राज्य स्तर पर भी चर्चा हो रही है। गांव ढाकला के ही अन्य किसान सुरेंद्र व रामरतन ने बताया कि बीते वर्ष धान की खेती करने वालों में इस बार ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के पोर्टल पर पंजीकरण कराने में तेजी भी नजर आ रही है।

 
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