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फिर से खुलेंगे दस साल से बंद पड़े एग्रो मॉल

June 04, 2021 10:22 PM



चंडीगढ़, 04 जून। हरियाणा सरकार किसानों को खुश करने के लिए एक बार फिर से एग्रो मॉल शुरू करने की योजना बना रही है। इस मामले में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने पहल की है। प्रदेश के चार शहरों में करोड़ों रुपये की लागत से बने यह मॉल लंबे समय से बंद पड़े हुए हैं। पूर्व हुड्डा सरकार ने इनका निर्माण तो कर दिया लेकिन शुरू नहीं कर सकी।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने शुक्रवार को पंचकूला में करीब दस साल से बंद पड़े एक ऐसे ही मॉल का दौरा किया। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार द्वारा पंचकूला, करनाल, पानीपत और रोहतक में एग्रो मॉल्स बनाए थे। यह मैट्रो शहरों में चल रहे शॉपिंग माल्स की तर्ज पर बनाए गए थे। फर्क सिर्फ इतना था कि इनमें केवल किसानों से संबंधित सामान व उपकरण मिलने थे।
यह मॉल केंद्र सरकार की नेशनल बागवानी स्कीम के तहत बना था। कुल 100 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार से सब्सिडी के तौर पर 33 करोड़ रुपए तक मिलने थे लेकिन गलत प्लानिंग के चलते केवल पांच करोड़ ही मिल सके। जब प्रोजेक्ट ही सिरे नहीं चढ़ा तो केंद्र ने भी बाकी पैसा नहीं दिया। 54 करोड़ 65 लाख रुपए की लागत से पंचकूला में यह चारमंजिला मॉल बनाया गया।
इसी तरह से पानीपत में नेशनल हाईवे नंबर-वन पर ही बनाए गए मॉल पर 19 करोड़ 4 लाख रुपए खर्च किए गए लेकिन इसकी एक दुकान तक नहीं बिकी। करनाल में भी नेशनल हाईवे पर ही 46 करोड़ रुपए की लागत से लगभग दो एकड़ भूमि में मॉल बनाया गया। यहां भी सरकार को ग्राहक नहीं मिले। रोहतक में सेक्टर-14 के पास बनाए गए मॉल पर सबसे अधिक 90 करोड़ रुपए की लागत आई। इस मॉल में कुल 200 दुकानें हैं और इनमें से केवल 40 ही दुकानें बिकी हैं। मनोहर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान इन एग्रो माल्स को नीलाम करने की योजना भी बनाई लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ सकी।
अब शुक्रवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल ने पंचकूला के सैक्टर-20 स्थित एग्रोमॉल का आकस्मिक दौरा किया। उन्होंने कहा कि एग्रोमॉल के माध्यम से किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए दुकानें प्रदान की गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एग्रो मॉल को पूर्ण रूप से आबाद करने के लिए बेहतर पॉलिसी क्रियान्वित करें ताकि इस भवन का सही सदुपयोग हो सके। इसके साथ ही किसानों को भी इसका भरपूर लाभ मिल सके।
कृषि मंत्री ने कहा कि एग्रोमॉल के रखरखाव के लिए रेंट पर देने के लिए भी आजिविका उपाय बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही इसमें दुकानें किराए पर भी दी जा सकती है। इसलिए अधिकारी बेहतर प्रोपोजल तैयार कर लागू करें ताकि प्रदेश में एग्रोमॉल भवनों को उपयोग में लाया जा सके।
उन्होंने कहा कि पंचकूला के एग्रोमॉल में ग्राउण्ड एवं उपरी मंजिल को प्राईवेट पार्टियों को व्यवसाय के लिए दिया हुआ है। प्रथम एवं द्वितीय तल खाली है, यह भी किसानों को अलाट कर दिया जाए। इस मौके पर उनके साथ मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक विनय सिंह, सचिव योगेश कुमार, सचिव विशाल गर्ग, ईआईसी उदयभान, एक्सईन विजेंद्र शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

 
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