चंडीगढ़, 31 मई। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है कि कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ चुकी है। ऐसे में सरकार को अभी से तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करनी चाहिए। कोरोना के बाद की स्थितियों को संभालने के लिए भी अभी से योजना बनानी होगी। क्योंकि महामारी के साथ महंगाई, मंदी, गरीबी और बेरोजगारी भी लगातार बढ़ रही है।
हरियाणा में बेरोजगारी दर 35.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे साफ होता है कि प्रदेश का हर तीसरा व्यक्ति बेरोजगार है। इसलिए कोरोना के दौरान जिन लोगों के काम-धंधे चौपट हो चुके हैं, सरकार को उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कोरोना की वजह से अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि उन परिवारों के लिए पेंशन का ऐलान करना चाहिए, जिनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा है। इसके लिए सरकार को पहले कोरोना से मरने वालों का सही आंकड़ा जुटाना होगा।
हुड्डा ने कहा कि टीकाकरण की रफ्तार घटाने की बजाए उसे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार टीके की सिर्फ 20 हजार डोज ही रोज लगा रही है। अगर इसी रफ्तार से टीकाकरण हुआ तो सभी लोगों को वैक्सीन लगाने में कई साल लग जाएंगे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि महामारी को रोकने में सरकार विफल रही है। ये बात उन्होंने नहीं बल्कि खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने मानी थी। उन्होंने बयान जारी करके कहा था कि हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब व्यवस्थाएं बनाने के लिए सेना का सहारा लेना होगा।