चंडीगढ़। हरियाणा में साढे सात हजार अध्यापक जान जोखिम में डालकर गांवों में कोरोना डयूटी दे रहे हैं। अध्यापकों को बगैर जांच और वैक्सीनेशन के ही फील्ड में उतारे जाने का अध्यापक संगठनों द्वारा जहां विरोध किया जा रहा है वहीं पिछले एक साल में हरियाणा के बीस जिलों में 115 अध्यापकों की कोरोना से मौत हो चुकी है। अध्यापक संगठनों का आरोप है कि इन अध्यापकों के आश्रितों को अभी तक सरकार द्वारा किसी तरह का मुआवजा नहीं दिया गया है।
हरियाणा सरकार द्वारा 15 मई से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रोंं में हेल्थ सर्वे करवाया जा रहा है। इस कार्य में आंगनबाड़ी वर्करों के अलावा एक-एक अध्यापक को भी लगाया गया है। हरियाणा स्कूल लैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान सतपाल सिंधु ने बताया कि एसोसिएशन की मांग के बावजूद किसी भी अध्यापक की न तो वैक्सीनेशन हुई है और न ही स्वास्थ्य की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बीस जिलों में पिछले एक साल के भीतर 115 अध्यापकों की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। जिनमें सबसे अधिक सोनीपत जिले में 11 अध्यापकों की मौत हुई है। इनमें से कई अध्यापक तो ऐसे हैं जो लॉकडाउन के बावजूद समय-समय पर दी गई डयूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आए हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी अध्यापक के आश्रित को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। कई अध्यापकों के परिजन इस समय संकट में हैं।
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कहां कितने अध्यापकों की हुई मौत
जिला का नाम संक्रमित मृतक अध्यापक
कैथल 05
कुरूक्षेत्र 07
नूंह 07
करनाल 03
सोनीपत 11
गुरुग्राम 07
फतेहाबाद 09
हिसार 09
पंचकूला 02
सिरसा 08
फरीदाबाद 02
रेवाड़ी 07
अंबाला 02
चरखी-दादरी 05
भिवानी 10
महेंद्रगढ़ 05
रोहतक 01
पलवल 03
जींद 09
झज्जर 03