चंडीगढ़। अपने बेटे की शादी में एक रुपया लेकर सुर्खियों में आने वाले यमुनानगर जिले के भोपाल सिंह हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के नए चेयरमैन होंगे। हरियाणा के मुख्य सचिव ने मंगलवार को आयोग के चेयरमैन तथा पांच सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान कर दी है। भोपाल सिंह इससे पहले आयोग के सदस्य थे। वर्तमान चेयरमैन भारत भूषण भारती और उनके साथ काम करने वाले बाकी पांच सदस्यों नीलम अवस्थी, प्रदीप जैन, अमरनाथ सौदा, विजयपाल सिंह और भोपाल सिंह का कार्यकाल 24 मार्च को पूरा हो रहा है।
सदस्य के रूप में आज पूरा होगा कार्यकाल
बेटे की शादी में एक रुपया लेकर आए थे सुर्खियों में
भोपाल सिंह को छोडक़र बाकी किसी को आयोग में नया दायित्व नहीं मिला है। सरकार ने भोपाल सिंह को सीधे चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। भोपाल सिंह की टीम में सदस्य के तौर पर पांच नई नियुक्तियां की गई हैं। इनमें मोहाली के न्यू चंडीगढ़ निवासी कंवलजीत सैनी, चरखी दादरी के विजय कुमार, पानीपत जिले के मतलौडा के सत्यवान शेरा, सोनीपत के रतनगढ़ निवासी विकास दहिया और हांसी के सचिन जैन शामिल हैं। मुख्य सचिव विजयवर्धन की ओर से नई नियुक्तियों के संबंध में अधिसूचना जारी हो चुकी है।
भोपाल सिंह यमुनानगर जिला के गांव खदरी के रहने वाले हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि से संबंधित भोपाल सिंह उच्च शिक्षित व बेहद ही सामान्य छवि के व्यक्ति हैं। आठ विषयों में एम.ए. के साथ विधि स्नातक भोपाल सिंह की अपने क्षेत्र में आज भी एक सरपंच के रूप में ही पहचान है। भोपाल सिंह केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया के सचिव भी रह चुके हैं।
पिछले साल अपने इकलौते बेटे की शादी में मात्र एक रुपया शगुन लेकर दहेज रहित शादी करने के कारण उनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भोपाल सिंह की इस सादगी का जिक्र किया था। चेयरमैन बनने के बाद भोपाल सिंह ने कहा कि गत छ: वर्षो की भांति भर्ती प्रक्रिया को ईमानदारी ,योग्यता,ओर पारदर्शी तरीके से जारी रखा जाएगा। हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की इच्छानुसार योग्यता को प्राथमिकता नए आयोग का लक्ष्य व एकमात्र ध्येय रहेगा।
विवादों में रहे भारती को मिली थी दो बार एक्सटेंशन
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती को सरकार ने दो बार एक्सटेंशन दी थी। भारती के कार्यकाल के दौरान पेपर लीक की कई घटनाएं हुई। जिसे लेकर विपक्षी दलों ने कई बार आयोग के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान एक परीक्षा के दौरान जाति विशेष के संबंध में सवाल पूछे जाने के बाद प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बावजूद भारती मनोहर लाल की गुड बुक में रहे। मार्च 2018 में चेयरमैन भारती को तीन वर्षों का दूसरा कार्यकाल प्रदान किया गया।