शहीद भगत सिंह नगर। शिरोमणि अकाली दल ने आज सिख नौजवान रंजीत सिंह को सम्मानित किया, जो पुलिस के साथ साथ भाजपा के गुंडों के खिलाफ सिंधु बॉर्डर पर महिलाओं के टेंट को उखाडऩे के खिलाफ खड़े थे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा उसे दी गई कानूनी सहायता के बाद हाल ही में युवा को जमानत दी गई थी। शिरोमणि अकाली दल की ओर से नौजवान का सम्मान करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि रंजीत सिंह चरित्र तथा मूल्यों का जीता जागता उदाहरण के अलावा महिलाओं के अधिकारों की रक्षा कर अत्याचार के खिलाफ प्रतीकर बनकर उभरे थे। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया में रंजीत ने तीन खेती कानूनो का विरोध कर रहे किसानों के कब्जे वाले क्षेत्र को खाली करने की नापाक साजिश को नाकाम किया था। ‘
मजीठिया ने कहा कि रंजीत अत्याचार के खिलाफ एक प्रतीक के रूप में उभरा
बहादुर सिख नौजवान ने किसान आंदोलन में बड़े पैमाने पर मानवीय सेवा की थी। सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया उनके पैतृक गांव काजनपुर में रंजीत सिंह को सम्मानित करने के लिए संगत में शामिल हुए तथा नौजवान से किसान आंदोलन के साथ साथ मानवाधिकार आंदोलन के कल्याण के लिए काम करते रहने का भी अनुरोध किया। अकाली नेता ने डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा तथा उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया, जिसमें उन्होने कहा कि रंजीत सिंह की रिहाई के साथ साथ दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद 146 नौजवानों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए सरदार मजीठिया ने मांग की कि अभी भी जेल में बद शेष नौजवानों को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होने यह भी मांग की कि जिस तरह से सिख युवाओं के साथ बदसलूकी की गई, केंद्र सरकार को उसके लिए माफी मांगनी चाहिए तथा तीनों खेती कानून रदद करने चाहिए।