चंडीगढ़, 15 मार्च। हरियाणा में अब पंजाब के नाम से शुरू होने वाले कानून मान्य नहीं होंगे। सोमवार को विधानसभा में हरियाणा संक्षिप्त नाम संशोधन विधेयक पास हो गया। जिसके बाद अब 154 कानूनों के नाम के आगे अब हरियाणा शब्द लिखा जाएगा। पंजाब के विस्तार के बाद एक नवंबर 1966 को हरियाणा का जन्म हुआ है। हरियाणा को विरासत में जो कानून मिले थे, वे सभी पंजाब के नाम पर थे और गत 54 वर्षों से हरियाणा की शासन व्यवस्था इन्हीं कानूनों के आधार पर चल रही है। अब तक 163 कानून ऐसे हैं जिनका नाम पंजाब के नाम से शुरू होता है। दिलचस्प बात यह है कि इस बीच सत्ता में आई सरकारों ने अपनी सुविधा के लिए कानूनों में बदलाव अथवा संशोधन तो किया लेकिन उनका नाम बदलने की तरफ किसी का ध्यान नहीं किया। यह कानून पंजाब के नाम से ही चलते रहे और पंजाब के नाम से ही इनका संशोधन होता रहा।
विधानसभा स्पीकर की सिफारिश पर हरियाणा सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। जिसने शोध के बाद हरियाणा में पंजाब के नाम से चल रहे कानूनों का नाम बदलने की सिफारिश की थी। कानूनों के शीर्षक और उप-शीर्षकों में संशोधन के लिए गठित कमेटी ने 1968 के आदेश के अंतर्गत स्वीकृत अधिनियमों के उपशीर्षकों के संशोधन के विषय में पुनरावलोकन एवं परीक्षण किया है।
सोमवार को सदन में संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल ने यह बिल पेश किया। जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को बताया कि राजस्व, आबकारी, वन, किशोर धूम्रपान, नगर पालिका समेत कुल 154 कानूनों का नाम अब हरियाणा से शुरू होगा। हरियाणा संक्षिप्त नाम संशोधन विधेयक, 2021 पास होने के बाद राज्यपाल को भेज दिया जाएगा।