-पैरा खिलाडिय़ों के ट्रायल में बातचीत में दीपा मलिक ने कही यह बात
-राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए हुए हरियाणा के खिलाडिय़ों के ट्रायल
गुरुग्राम। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की अध्यक्ष पद्मश्री दीपा मलिक ने कहा कि पैरा खिलाडिय़ों को हर सुविधा देना ही उनका ध्येय है। क्योंकि पैरा खिलाडिय़ों को सामान्य खिलाडिय़ों से अक्सर कम आंका जाता है। जबकि जोश, जुनून और जज्बा किसी भी तरह से कम नहीं होता। यह बात उन्होंने यहां पैरा खिलाडिय़ों के राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए राज्य स्तर के चयन के मौके पर विशेष बातचीत में कही।
पद्मश्री दीपा मलिक ने कहा कि पैरा खिलाड़ी होने के नाते वे जानती हैं कि इस श्रेणी के खिलाडिय़ों को सामान्य खिलाडिय़ों की श्रेणी से अलग नजर से देखा जाता है। लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं है। यानी पैरा खिलाड़ी भी सामान्य खिलाडिय़ों की तरह पसीना बहाते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके देश का नाम रोशन करते हैं। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में उन्होंने जो-जो कमियां महसूस की, उन सब कमियों को यहां आज के पैरा खिलाडिय़ों के समय में दूर किया। उन्हें हर वह सुविधा दी, जो कि सामान्य खिलाडिय़ों को मिलती हैं। चाहे वे मेडिकल से संबंधित हों या फिर डाइट से संबंधित। उन्होंने दावे के साथ कहा कि पैरा खिलाडिय़ों के साथ ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें खेलों के लिए इस तरह की सुविधाएं दी गई हैं। उन्होंने पुराने पैरा खिलाडिय़ों का भी आह्वान किया कि वे भी आगे आएं और पैरा खेलों को आगे लाने में अपना योगदान दें। तय मापदंडों पर यहां ट्रायल कराए गए और खिलाडिय़ों का बेहद ही बारीकी के साथ चयन किया गया।
पीसीआई अध्यक्ष दीपा मलिक के अनुसार यहां खिलाडिय़ों को रिफ्रेशमेंट के साथ-साथ भोजन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई। उनको प्रोटीन शेक भी दिया गया, ताकि एनर्जी लेवल बना रहे। पैरा खिलाडिय़ों के इस ट्रायल में प्रबंधों, सुविधाओं को देखकर नहीं लगा कि ये किसी राज्य स्तर के खिलाडिय़ों का ट्रायल हो, बल्कि यहां उन्हें दी गई सुविधाओं से यह लगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की यहां स्पर्धा हो रही हैं। कोरोना महामारी के नियमों का यहां खास ख्याल रखा गया। खिलाडिय़ों को भी यह महसूस हुआ कि उन्हें सामान्य खिलाडिय़ों की तरह यहां पर सुविधाएं मिली।