हरियाणा में अब स्पोर्टस कोटे से डीएसपी की भर्तियां नहीं होगी। ओलंपियन तथा अन्य बड़ी प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाडिय़ों द्वारा जहां खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देकर नई खेप तैयार की जाएगी वहीं सरकार फिर से खेल नीति में बदलाव करेगी। यह पहला मौका होगा जब खेल नीति में बदलाव की जिम्मेदारी खुद खेल मंत्री अथवा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप सिंह को मिली है। हरियाणा में पहली बार कोई खिलाड़ी अपने साथियों के लिए खेल नीति बनाने जा रहा है।
नई खेल नीति के तहत ओलंपिक, एशियाई व कॉमन वेल्थ सहित दूसरे बड़े एवं अंतरराष्ट्रीय खेलों के पदक विजेता खिलाड़ी ही अब राज्य में ग्राउंड स्तर पर खिलाडिय़ों को तैयार करेंगे। विजेता खिलाडिय़ों के लिए खेलकूद विभाग में नए पदों का सृजन किया जाएगा। खिलाडिय़ों को स्पोर्टस कोटे में मिलने वाली नौकरियों में खेलकूद विभाग को ही तरजीह दी जाएगी। नई खेल नीति आगामी सत्र में लागू हो सकती है।
खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में वरिष्ठ आईएएस डॉ.अशोक खेमका द्वारा स्पोर्टस सचिव होते हुए नई खेल नीति तैयार की गई थी। इस नीति में ओलंपिक, एशियाई व कॉमन वेल्थ पदक विजेताओं को एचसीएस (हरियाणा प्रशासनिक सेवा) तथा एचपीएस (हरियाणा पुलिस सेवा) के पदों पर सीधी भर्ती में नौकरी देने का फैसला हुआ था। खेल के अलावा शिक्षा, पुलिस, विकास एवं पंचायत तथा ट्रांसपोर्ट सहित दूसरे विभागों में भी पदक विजेता खिलाडिय़ों को एडजस्ट करने की योजना बनी।
सरकार की इस खेल नीति को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अदालत में सरकार बैकफुट पर आ गई और पदक विजेता खिलाडिय़ों को सीधे एचसीएस व एचपीएस भर्ती करने से पीछे हट गई। अब खेल मंत्री संदीप सिंह ने विभाग के अधिकारियों को नीति में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का मानना है कि खिलाडिय़ों को सीधे एचपीएस और एचपीएस लगाया तो जाता रहा है लेकिन वे अपनी ट्रेनिंग भी पूरी नहीं कर पाते। इसीलिए अब तय किया गया है कि पदक विजेता खिलाडिय़ों को खेल एवं युवा मामले विभाग में भी अधिक से अधिक एडजस्ट किया जाएगा। नामचीन खिलाडिय़ों के सानिध्य में ट्रेनिंग से नए खिलाडिय़ों का मनोबल भी बढ़ेगा। ऐसे खिलाडिय़ों के लिए विभाग में ही उनके पदकों के हिसाब से नये पदों का सृजन होगा। पदक विजेताओं खिलाडिय़ों को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी से लेकर विभाग में ही क्लास-वन और क्लास-टू के पदों पर भी नियुक्ति मिलेगी।
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हरियाणा की खेल नीति अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है। इसके बावजूद इसमें बदलाव अथवा संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पदक विजेता खिलाडिय़ों को एचसीएस व एचपीएस लगाने की बजाय विभाग में ही नये पद सृजित करके एडजस्ट किया जाएगा। सरकार खिलाडिय़ों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने की पक्षधर हैं। खेल पॉलिसी में संशोधन कर नए सत्र से लागू किया जा सकता है।
संदीप सिंह, खेल एवं युवा मामले मंत्री।