गुरुग्राम: बोहड़ाकलां में मां के जागरण में रातभर झूमे भक्त
-मां भगवती के जागरण में जूनियर लक्खा का रहा जलवा
-बोहड़ाकलां गांव में हुआ मां का जागरण
-भव्य दरबार भी सजाया गया
संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। मां भगवती का गुणगान करने को जिले के बोहड़ाकलां गांव में जागरण का आयोजन किया गया। मां के मंदिर के पुजारी भक्त रवि कौशिक के प्रयासों से यह भव्य जागरण आयोजित किया गया। इसमें गांव के साथ-साथ दूर-दराज के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं ने शिरकत करके रातभर मां का गुणगान किया। इससे पूर्व यहां विशाल भंडारा भी लगाया गया, जिसमें सेंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
जूनियर लक्खा यानी लखन सिंह लक्खा ने भी यहां भजनों से भक्तों को निहाल किया। उन्होंने लखवीर सिंह लक्खा द्वारा गाए गए भक्ति गीतों-मेरी आंखों के सामने ही रहना मां शेरों वाली जगदम्बे...,दरबार तेरा दरबारों में इक खास अहमियत रखता है-उसको वैसा मिल जाता है जो जैसी नीयत रखता है..., खुशहाल करती मालामाल करती-अम्बे रानी अपने भक्तों को निहाल करती..., मेरे शीश के दानी का सारे जग में बाजे डंका..., मन की मुराद पूरी कर मां-दर्शन करने को मैं आऊंगी..., सारी दुनिया को छोड़ के आया तेरे द्वार मां-मेरा कर दो उद्धार मां...भजन सुनाए।
विनोद बोहड़ाकलां ने सुनाया-पर्वत ज्योति लहराई जय हो तेरी ज्वाला माई..., माता जिनको याद करे वो लोग निराले होते हैं-माता जिनका नाम पुकारे वो किस्मत वाले होते हैं..., दुनिया में देव हजारों हैं बजरंग बली का क्या कहना..., एक बार मां आ जाओ-फिर आ के चली जाना...। गायक गंगा राम ने भजनों की शुरुआत अपने गुरू को समर्पित भजन के साथ की। उन्होंने सुनाया-मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे-गुरूदेव सांवरिया मेरे...। इसके बाद-मेरी आ जा ज्वाला मां..., देना हो तो दे सांवरे क्यूं तरसावै सै...। उन्होंने अपने भजनों पर ही नाचते हुए यहां भक्तों को भी नाचने पर मजबूर कर दिया। कुमारी सपना ने भी अनेक भजन गाकर यहां माहौल को भक्तिमय बनाए रखा। जागरण की अलसुबह तारा रानी की कथा और फिर आरती के साथ मां के जागरण का समापन हुआ। इसके बाद चन-हलवे का प्रसाद वितरित किया गया।
झांकियों में कलाकारों ने दिखाई कला
गायकों के अलावा यहां पर कलाकारों ने झांकियों से भी मन मोह लिया। शिव-पार्वती के अभिनय में यहां कलाकारों ने सबसे पहले मां गंगा की आराधना करते हुए एक गीत के माध्यम से मां गंगा का महत्व बताया। गीत के बोले थे-माना तो मैं गंगा जल हूं-ना माने तो बहता पानी...। शिव-पार्वती बने कलाकारों ने इस गीत पर बेहतरीन अभिनय किया। तकनीक के माध्यम से शिव जी की जटा से गंगा भी निकालती दिखी तो सामाजिक संदेश देते गीत के बोलों पर ताल मिलाई। इसके अलावा कृष्ण-सुदामा की मित्रता पर भी झांकी दिखाई गई। कृष्ण-सुदामा बने कलाकारों ने-बता मेरे यार सुदामा रै...गीत पर अभिनय किया।