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Religion

इस बार क्यों खास है रक्षाबंधन

July 30, 2020 11:45 AM

सावन के अंतिम सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व कई शुभ योग व नक्षत्रों के संयोग में 3 अगस्त को मनाया जाएगा।29 साल बाद श्रावण पूर्णिमा पर सावन के अंतिम सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व कई शुभ योग व नक्षत्रों के संयोग में 3 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार भद्रा और ग्रहण का भी रक्षाबंधन पर कोई साया नहीं है।

इस अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योगप्रीति योगसोमवती पूर्णिमामकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र उत्तराषाढा नक्षत्र सोमवार को रहेगा। इससे पहले तिथि वार और नक्षत्र का यह संयोग सन्‌ 1991 में बना था। रक्षाबंधन से पहले 2 अगस्त को रात्रि 8 बजकर 43 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक भद्रा रहेगी। रक्षाबंधन का व्रत करने वाले लोगों को सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद वेदोक्त विधि से पित्र तर्पण और ऋषि पूजन भी करना चाहिए। बहनें रेशम आदि का रक्षा कवच बनाकर उसमें सरसों .केशर,चंदन, अक्षत और दूर्वा रखकर रंगीन सूती वस्त्र में बांधकर उस पर कलश की स्थापना करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन करें। बहन भाई के दाहिनी हाथ में बांध ऐसा करने से वर्ष भर भाई का जीवन सुखी रहेगा। वहीं शास्त्रों में राखी बांधन के लिए अभिजीत मुहूर्त व गोधूलि बेला विशेष बताई गई है। शाम को 5ः30 बजे गोधूलि बेला का शुभ मुहूर्त रहेगा। वैसे दिन भर शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भी राखी बांधी जा सकती है।

शुभ महूर्त

राखी बांधने का मुहूर्त : 09:27:30 से 21:11:21 तक

अवधि : 11 घंटे 43 मिनट

रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक

रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक

 
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