चंडीगढ़। हरियाणा पर्यटन विभाग ने डाक्टरों व नर्सों को दी जा रही मुफ्त आवास और खान-पान सुविधा बंद कर दी है। अब पर्यटन विभाग के होटलों में आने वाली नर्सों व डाक्टरों को खाने और रहने के बिल थमाए जा रहे हैं। जिसके चलते नर्सों व डाक्टरों में रोष व्याप्त है। प्रदेश में अब तक दो दर्जन के करीब नर्सें कोरोना पॉजिटिव आ चुकी हैं। कोरोना वार्ड में डयूटी देने वाली नर्सों का तर्क है कि डयूटी के बाद घर जाने से उनके परिजनों में कोरोना का खतरा पैदा हो गया है।
अब खाने व रहने के लिए थमाने लगे हैं बिल
स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल व पैरा मेडिकल का रोस्टर बदला
अप्रैल माह में मिली सुविधा को जुलाई में किया बंद
हरियाणा में मार्च माह के दौरान कोरोना फैलना शुरू हुआ था। 23 मार्च से पहला लॉकडाउन शुरू हुआ था। अप्रैल माह के दौरान जब सभी विभाग मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना योद्धा कहकर सम्मान दे रहे थे तभी पर्यटन विभाग ने कोरोना डयूटी में लगे डाक्टरों व नर्सों के लिए अपने होटल व रेस्टोरेंट खोलते हुए कहा था कि उन्हें यहां न केवल मुफ्त खाना दिया जाएगा बल्कि मुफ्त आवास सुविधा भी दी जाएगी। कोरोना डयूटी में तैनात नर्सों व डाक्टरों के परिजनों को किसी तरह असुविधा न हो इसलिए डयूटी के बाद पर्यटन विभाग के होटलों में रूकने की सुविधा दी थी।
यह सिलसिला करीब तीन माह चला और अब जुलाई माह से सरकार ने डाक्टरों व नर्सों का नया रोस्टर लागू कर दिया है। जिसमें खाने और आवास सुविधा को बंद कर दिया गया है। इन दिनों जो नर्सें पर्यटन विभाग के होटलों व रेस्टोरेंट में जा रही हैं उनसे खाने व रहने की एवज में बिल थमाए जा रहे हैं।
नर्सिंग वैल्फेयर एसोसिएशन हरियाणा की प्रधान सुनीता देवी के अनुसार कई जिलों से यह सूचनाएं मिल रही हैं कि जुलाई माह में लागू किए गए नए रोस्टर में इन सुविधाओं को जिक्र नही है। ऐसे में कोरोना वार्ड में डयूटी देने वाली नर्सों के परिजनों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। उधर हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज एसोसिएशन के प्रधान डॉ.जसबीर सिंह पंवार ने कहा कि फ्रंट लाइन पर काम कर रहे डाक्टरों व नर्सों को यह सुविधा जारी रखनी चाहिए। अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है।
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नर्सों के लिए खत्म किया क्वारंटाइन पीरियड
हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना को लेकर समय-समय पर नियमावली को बदला जा रहा है। अप्रैल माह के दौरान सरकार ने नर्सों के लिए 14 दिन की डयूटी और 14 दिन का एकांतवास समय तय किया था। अब नए नियमों में इसे भी समाप्त कर दिया गया है। अब नर्सों को मुफ्त परिवहन सुविधा भी नहीं मिल रही है। अस्पताल के में डयूटी के बाद अब उन्हें सीधे घर भेजा जा रहा है।