चंडीगढ़। कृषि क्षेत्र में शोध से जुड़ी कंपनियों के संगठन क्रॉपलाइफ इंडिया ने हरियाणा में टिड्डी दल के हमले से फसलों के बचाव के लिए फसलों पर नीम तेल के छिडक़ाव और खेत में तेज आवाज करने की सलाह दी है। संगठन ने हरियाणा में किसानों और रसायन छिडक़ाव करने वाली एजेंसियों के लिए शनिवार को जारी एक एडवाइजरी में कहा कि किसानों को रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल आदि के माध्यम से प्राप्त जानकारी पर ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें अपने इलाके में टिड्डी दल के आने का समय पूर्व पता चल सके।
क्रॉपलाइफ इंडिया ने हरियाणा में किसानों के लिए जारी की एडवाइजरी
वाहनों के हार्न, घंटी, कनस्तर और थाली का रखें प्रबंध
क्रॉपलाइफ इंडिया के कार्यकारी अधिकारी असित्वा सेन ने बताया कि किसान एफएओ प्रमाणित रसायन जोकि रजिस्ट्रेशन कमेटी द्वारा पारित हैं उनका इस्तेमाल करें। इसके अलावा अगर पास के इलाकों में टिड्डी दल के हमले का पता चले तो किसानों को फसल के बचाव के लिए प्रतिलीटर पानी में पांच मिलीलीटर नीम का तेल डालकर छिडक़ाव करना चाहिए। संगठन ने कहा कि टिड्डियों को भगाने के लिए खेत में तेज आवाज करना चाहिए। वाहनों, घंटी, कनस्तर और थाली आदि बजाकर टिड्डियों को भगाया जा सकता है।
संगठन ने रसायनों के छिडक़ाव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की भी सलाह दी है। स्प्रे इस तरह से छिडक़ाव करें कि रसायन का कोई भी अंश नदी, पानी के तालाब व अन्य पोखर आदि से न मिले। सेन ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा व राजस्थान समेत कई राज्यों में टिड्डी दल का हमला दर्ज हुआ है। इसलिये एक अनुमान के मुताबिक कोरोना संकट के बीच यह कृषि क्षेत्र को बड़ी चुनौती देने वाला है। गत वर्ष नुकसान ढाई से तीन फीसदी तक था।
उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा केन्द्र और राज्य सरकारों से इस दिशा में आधुनिक तकनीक और स्प्रे उपकरणों का उपयोग करने की सलाह देते हैं जिससे की इस खतरे से बचा जा सके। सेन ने बताया कि पारंपरिक स्प्रे प्रणाली को अतिरिक्त, क्रॉपलाइफ इंडिया यह भी सुझाव दिया है कि बड़े स्तर पर ड्रोन का इस्तेमाल कर ऐग्रोकैमिकल्स का स्प्रे कर टिड्डी दल से बचाव किया जाए। ड्रोन स्प्रे से दक्षता में वृद्धि होने के साथ साथ एग्रोकैमिकल एप्लीकेशन की सटीकता प्रभावी होगी जिससे की पेस्ट मैनेजमेंट में भी सुधार होगा।