Religion

जानिए इस बार कितना पावन  है सावन

July 01, 2020 12:09 PM

भारत में वसंत मास की तरह श्रावण मास का भी संपूर्ण जनमानस को बेसब्री से इंतजार रहता है जब चारों ओर मानसून के दौरान प्रकृति के साथ साथ तथा मानस पटल पर भी हरियाली छाने लगती है। श्रावण कृष्ण प्रतिपदा , 5 जुलाई की प्रातः 10 बजकर 15 मिनट पर आरंभ होकर सोमवार की सुबह 9ः 25 तक रहेगी, इसी लिए सावन का आरंभ 5 की बजाय 6 जुलाई से हो रहा है।

5 जुलाई रविवार को ही प्रातः चंद्र ग्रहण भी लग रहा है जो भारत में दृश्य नहीं होगा। गुरु पूर्णिमा तथा आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन , 6 जुलाई से उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और वैधृति योग लिए ,सावन के सोमवार आरंभ हो रहे हैं जो 3 अगस्त को समाप्त होंगे। चंद्र मकर राशि में तथा गुरु अपनी ही धनु राशि में होने से यह महीना और विशेष हो जाएगा। इसबार सावन के महीने का आरंभ और समापन दोनों ही भगवान शिव के प्रिय वार सोमवार से हो रहा है जिसे एक शुभ संयोग माना जाता है। शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि का क्षय होने से पूरा मास 29 दिन का है जिसमें 5 सोमवार के अलावा कई विशेष पर्व व त्योहार इसी श्रावण मास में पड़ेंगे। ज्योतिषीय दृष्टि से भी इस बार सावन का महीना कुछ विशिष्ट माना जा रहा है क्योंकि इस अवधि में काफी अंतराल के बाद 11 सर्वार्थ सिद्धि, 10 सिद्धि, 12 अमृत तथा 3 अमृत सिद्धि जैसे विशेष संयोग बन रहे हैं।

कोरोना ग्रहण

इन सुयोगों के बावजूद, मंदिरों में पहले जैसी भीड़ नहीं हो सकेगी। कांवड़ या शोभा यात्राएं नहीं हो सकेंगी। संक्रमण फैलने के डर से शिवलिंग को हाथ लगाने, जल या दूध चढ़ाने तथा लंगर लगाने की प्रथा या मान्यताएं आदि , दूरी बनाए रखने के कारण फीकी रह सकती हैं। मंदिरों में भीड़ जुटाने की बजाय ,

घर में ही छोटे शिवलिंग पर अभिषेक करना अधिक उपयुक्त रहेगा।

श्रावण के सोमवार की तालिका

6 जुलाई- पहला सोमवार

13 जुलाई- दूसरा सोमवार

20 जुलाई- तीसरा सोमवार

27 जुलाई- चौथा सोमवार

03 अगस्त- पांचवां व अंतिम सोमवार

इसके अलावा ये त्योहार, व्रत, एवं पर्व भी सावन को विशेष बना रहे हैं-

7 जुलाई को मंगला गौरी व्रत,16 को कामिका एकादशी, 2र्0 को सोमवती व हरियाली अमावस, 23 को हरियाली तीज, 25 को नाग पंचमी, 30 जुलाई को पवित्रा एकादशी व्रत और 3 अगस्त को रक्षा बंधन।

सावन के सोमवार पंश्चिम एवं दक्षिण भारत के अनुसार!

सोमवार 20 जुलाई 

27 जुलाई

03 अगस्त

10 अगस्त

17 अगस्त

भारत में हर महीने का एक अलग महत्व है. लेकिन सावन के महीने को भगवान शंकर से जोड़कर देखा जाता है. इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है. ये दिन भगवान शिव की अराधना के लिए सबसे खास माने जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस महीने में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने से या हर सोमवार नियमपूर्वक शिवलिंग पर जल अर्पित करने से हर मनोकामना पूरी होती है और कई लाभ मिलते हैं. जिस काम को पूरा करने की आप लंबे समय से प्रयासरत हैं और वह होते-होते रह जाता है तो सावन के महीने में शिव की अराधना से वह पूरी हो जाती है.

प्रकृति के लिहाज से भी श्रावन मास का खास महत्व है. प्रकृति हरी-भरी रहती है और यह माना जाता है कि इस महीने जो जातक खुद को प्रकृति के करीब महसूस करता है, उसे प्रकृति की देवी से भी आर्शीवाद प्राप्त होता है.

मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़।

 

 

 

 

 
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