चंडीगढ़। कांग्रेस के राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना महामारी के लॉकडाऊन के दौरान हरियाणा प्रदेश में खुलेआम 'शराब घोटाला हुआ तथा चोर दरवाजे से औने पौने दामों पर शराब की बिक्री व तस्करी हुई। इस पूरे मामले की जाच को लेकर 'स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया। जब 10 मई को सोनीपत में सरकार के गोदाम से ही शराब चोरी कर तस्करी का मामला सामने आया व अन्य जिलों में भी शराब तस्करी के मामले खुलने लगे, तो खट्टर सरकार ने आनन-फानन में 'स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को खारिज कर दिया।
उन्होने कहा कि अगले ही दिन यानि 11 मई को 'स्पेशल इंक्वायरी टीम (एसईटी) का गठन कर मामले को सरकारी जांच के पचड़े में पूरी तरह से उलझा दिया। यही नहीं स्पेशल इंक्वायरी टीम में एडीजीपी सुभाष यादव को यह जानते हुए भी लगाया गया कि वो 31 मई को रिटायर हो जाएंगे। सुभाष यादव रिटायर भी हो गए। सुरजेवाला ने कहा कि स्पेशल इंक्वायरी टीम को कागजात जब्त करने, रेड करने, अधिकार स्वरूप एक्साईज विभाग व पुलिस विभाग के रिकॉर्ड को खंगालने, दोषियों की गिरफ्तारी करने बारे कोई अधिकार नही दिया गया।
बोले,शराब घोटाले की लीपापोती में जुटी है सरकार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़े बड़े दावे किए कि 15 दिन में जांच संपूर्ण हो जाएगी। परंतु 11 मई से 27 जून के बीच जांच तो दूर 'स्पेशल इंक्वायरी टीम को आबकारी विभाग का रिकॉर्ड तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया। एसईटी ने अब इस बारे पत्र लिख मुख्यमंत्री को सूचना भी दी है। उन्होने कहा कि जहां पूरी सरकार शराब घोटाले की लीपापोती और शराब माफिया व सरकार में बैठे लोगों के गठजोड़ पर पर्दा डालने में लगी है, वहां आबकारी विभाग के तथ्य अपने आप में सनसनीखेज और चैंकाने वाले हैं। आबकारी विभाग में मार्च-अप्रैल, 2020 व अप्रैल-मई, 2020 में अंग्रेजी व देशी शराब के होलसेल (एल-1 व एल-13) तथा शराब के ठेकों की जांच से सामने आया है कि 99,41,066 बोतलों या लगभग 1 करोड़ बोतलों की शॉर्टेज पाई गई। मतलब साफ है कि यह सीधे सीधे शराब तस्करी या ना?ाय? तौर से शराब बिक्री का मामला है। इसी प्रकार से जांच में 19,10,330 बोतलें 'एक्सेसÓ पाई गईं। मतलब साफ है कि यह सीधे-सीधे एक्साईज चोरी का मामला है व हरियाणा के खजाने को चूना लगाने का मामला है।