ग्रहण शुभ फल लेकर नहीं आते हैं। ये भविष्य में आने वाली परेशानियों के बारे में भी इंगित करते हैं। देशकाल की बात करें तो एक माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का भी कारण बनते हैं. इसके अतिरिक्त सीमा विवाद, तनाव जैसी स्थिति की तरफ भी इशारा करते हैं. दो ग्रहण कई क्षेत्रों में हानि का सूचक भी होता है.
ग्रहण और सूतक का समय
सूतक 20 जून को रात 10:20 से ही शुरू हो जाएगा। सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोडक़र अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान खाद्य पदार्थो में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण काल में सोना और भोजन नहीं करना चाहिए। चाकू, छुरी से सब्जी,फल आदि काटना भी निषिद्ध माना गया है।