चंडीगढ़। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार द्वारा गेहूं खरीद को लेकर किए जा रहे दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि न केवल इस दफा गेहूं की कम खरीद हुई बल्कि किसानों को पैसे के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं।
अभय चौटाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अब तक मात्र 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदी है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 95 लाख मीट्रिक टन था। इसलिए पिछले साल के मुकाबले में सरकार की गेहूं की खरीद कम की गई है। सरकार का वादा था कि किसानों को 72 घंटे के अंदर सरसों व गेहूं की खरीद की अदायगी की जाएगी जबकि 60 प्रतिशत से ज्यादा किसान कम से कम 20-25 दिनों से गेहूं की अदायगी के लिए कभी आढ़ती के पास, कभी सरकारी खरीद एजेंसी के कार्यालयों में चक्कर काट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 16 हजार करोड़ रुपए के कुल भुगतान के विरुद्ध केवल 1600 करोड़ रुपए ही किसानों को उनका भुगतान किया गया है, यानि प्रदेश के 16 लाख किसानों को मात्र चार फीसदी गेहूं की खरीद का ही भुगतान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरसों की फसल का अब तक 2900 करोड़ रुपए दिया गया है जबकि किसानों का लगभग 3600 करोड़ रुपए का भुुगतान बनता है, भी 700 करोड़ रुपए की राशि अभी बकाया है। सरकार चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद इसलिए नहीं कर रही कि इसका दाना छोटा है जबकि लगभग सभी किसानों ने जो बीज सरकार की तरफ से दिया गया उसी से ये फसल पककर तैयार हुई है। चने के दाने का साइज छोटा बताकर खरीद न करना किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसान को यूं चारों तरफ से लूटा जा रहा है जैसे सरकारी एजेंट गेहूं की गुणवत्ता की जांच के बहाने फरसी के इस्तेमाल से करीब 100-150 ग्राम गेहूं निकालकर लूट मचाई जा रही है। विडंबना ये भी है कि क्या मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी नहीं है, अगर नहीं है तो मुख्यमंत्री को तुरंत इस पर संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।