चंडीगढ़। एक तरफ जहां हरियाणा से प्रवासी मजूदरों को पलायन को लेकर खबरें आ रही हैं वहीं प्रदेश में उद्योग धंधे शुरू होने के बाद 65 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों ने पलायन का विचार त्यागकर दोबारा हरियाणा में रहकर अपना जीवन यापन करने का फैसला किया है। दूसरी तरफ प्रदेश से अब तक करीब तीन लाख प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं।
हरियाणा में लॉकडाउन-थ्री के दौरान सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक राज्यों में भेजने के लिए रेलगाडिय़ों तथा बसों का प्रबंध किया था। हरियाणा से अब तक सबसे अधिक बिहार के लिए रेलगाडिय़ां चल चुकी हैं। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है। इसके अलावा हरियाणा राज्य परिवहन की सैंकड़ों बसों की मदद से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रवासी मजदूरों व उनके परिवारों को भेजा गया है।
हरियाणा से अब तक तीन लाख प्रवासी कर चुके हैं पलायन
दो दिन पहले सरकार ने जहां प्रवासियों के लिए चलाई गई श्रमिक विशेष रेलगाडिय़ों को बंद कर दिया है वहीं अब प्रदेश के लगभग सभी जिलों में उद्योग धंधे शुरू हो चुके हैं। जिसके चलते प्रवासी मजदूरों ने भी पलायन का विचार छोड़ दिया है। हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन फोर के दौरान प्रदेश में 50 हजार 794 उद्योग-धंधे दोबारा चालू करवाए।
जिनमें 31 लाख 10 हजार 493 कर्मचारी काम पर लौटे हैं। सूत्रों के अनुसार शुरूआती दौर में जहां 1600 प्रवासियों का पंजीकरण करके एक ट्रेन को बुक करवाया जाता था तो रेलवे स्टेशन पर दो हजार से 2100 प्रवासी मजदूर आते रहे हैं। इसके उलट पिछले चार दिनों के दौरान 1600 को बुलाने पर मात्र 600 से 700 लोग ही आते रहे हैं। हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों उड़ीसा के लिए एक ट्रेन बुक की। जिसमें 1600 लोगों को भेजने का प्रबंध किया गया था लेकिन रेलवे स्टेशन पर केवल तीन सौ लोग ही पहुंचे हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक राज्यों में भेजने के लिए शुरू किए गए आप्रेशन के निरीक्षक एडीजीपी सीआईडी ए.के.राव के अनुसार पिछले समय के दौरान 3.2 लाख लोगों ने हरियाणा से बाहर जाने के लिए पंजीकरण करवाया था। जिसमें से 1.13 लाख लोग जा चुके हैं। 65000 लोगों ने पंजीकरण के बावजूद अपने राज्यों में जाने की बजाए दोबारा हरियाणा में रहकर अपना जीवन यापन करने का फैसला किया। करीब 60 हजार लोग ऐसे मिले जिन्होंने पंजीकरण के समय सरकारी साइट पर अपने फोन नंबर सही नहीं भरे।