-एनएचएम के तहत लगी है नर्स पूनम
-एनएचएम की शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
गुरुग्राम। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत यहां नागरिक अस्पताल में कार्यरत नर्स पूनम को उस दिन तो किसी ने नहीं संभाला, जिस दिन वह कोरोना संक्रमित होने के बाद अपने घर से नागरिक अस्पताल पैदल ही 40 मिनट का सफर तक करके पहुंची थी। आज जब वह ठीक होकर लौटी तो उसका यहां स्वागत करने की रस्म की गई।
यहां नागरिक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में काम करते हुए एक स्टाफ नर्स पूनम सहराय और एक एनएचएम के तहत कार्यरत नर्स पूनम कोरोना संक्रमित हो गई थी। अब ठीक होने के बाद शुक्रवार को जब पूनम अपनी ड्यूटी ज्वायन करने पहुंची तो उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर एनएचएम के जिलाध्यक्ष हरिराज, एनसीडी प्रभारी डा. सुनीता राठी, डा. प्रदीप कुमार समेत काफी संख्या में स्टाफ मौजूद रहा। हरिराज के मुताबिक स्टाफ पूनम ने सिविल सर्जन, पीएमओ व अन्य स्टाफ की बीमारी के समय उत्साह बढ़ाने का धन्यवाद किया। अब सवाल यह उठता है कि जिस दिन यही स्टाफ पूनम कोरोना संक्रमित हुई थी, उस दिन ये सब कहां थे।
बुखार था, फिर भी बनाया ड्यूटी का दबाव: हरिराज
एनएचएम के अध्यक्ष हरिराज से जब पूनम के स्वागत और पहले दिन के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्टाफ पूनम की समस्या का उन्हें देरी से पता चला। वे पता चलते ही सीएमओ डा. जेएस पूनिया से मिले थे। उन्होंने पूरे मामले का पता नहीं होने का बात कही थी। भविष्य में इस तरह की घटना नहीं होने देने का भी आश्वासन दिया था। हरिराज ने यह भी बताया कि पूनम की तबियत खराब होने पर अस्पताल की सीनियर स्टाफ की ओर से ड्यूटी पर आने का दबाव बनाया गया था। जबकि पूनम की रिपोर्ट तब तक नहीं आई थी। हरिराज के मुताबिक एनएचएम यूनियन ने सीनियर स्टाफ से मुलाकात की थी। हालांकि इस बात का किसी के जवाब नहीं है कि नर्सिंग स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने के बाद एम्बुलेंस लेने क्यों नहीं पहुंची। पहले दिन तो पीडि़त नर्स ने भी शिकायत की थी, लेकिन बाद में उन्होंने चुप्पी साध ली।