चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हरियाणा सरकार लगातार प्रदेश के युवाओं के हकों पर कुठाराघात कर रही है। महामारी के इस दौर में भी यह सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन टीजीटी अंग्रेजी के 1035 व 503 अन्य पदों के परिणाम का युवा पांच साल से इंतजार कर रहे थे, सरकार अब उन्हीं भर्तियों को रद्द करने जा रही है। 523 पीजीटी संस्कृत अध्यापक के पदों का परिणाम वर्ष 2017 को आया था, उन्हें आज तक नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए हैं। इसके साथ ही पिछले दो महीनों में ही 1500 से अधिक कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। प्रदेश में सरकार के ऐसे जनविरोधी फैसलों की लंबी लिस्ट है। नए रोजगार तो दूर प्रदेश में जिन भर्तियों की प्रक्रिया कई वर्षों पहले शुरू हुई थी, सरकार उन्हें ही लटकाने और रद्द करने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही लोगों को नौकरी से निकालने का षडयंत्र इस सरकार के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री का बयान आया था कि हरियाणा सरकार अगले एक वर्ष के लिए नई सरकारी भर्तियां नहीं करेगी। कांग्रेस पार्टी के भारी विरोध के बाद वह अपनी बात से पलट गए थे, लेकिन असली बात तो सामने आ ही जाती है। क्या मुख्यमंत्री के इस बयान की ही कड़ी में टीजीटी अंग्रेजी के 1035 व 503 अन्य पदों की पुरानी भर्तियों को भी रद्द किया जा रहा है, इस पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
कुमारी सैलजा ने कहा कि नौकरियों में पारदर्शिता का झूठा दावा करने वाली इस सरकार में दर्जनों सरकारी नौकरी के पेपर लीक हो चुके हैं। जिनमें मुख्य रूप से एचटेट, क्लर्क, एक्साइज इंस्पेक्टर, एचसीएस ज्यूडिशियल, नायब तहसीलदार, आईटीआई इंस्ट्रक्टर के पेपर शामिल हैं। इस सरकार के पारदर्शिता के छूटे ढोंग का इसी बात से पर्दाफाश होता है कि इस सरकार में 40 से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले ही हरियाणा प्रदेश में रोजगार की संभावनाएं खत्म होती जा रही थी। वहीं अब महामारी में आई महाबेरोजगारी ने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। बीते दो महीने में ही प्रदेश में लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं और उद्योग-धंधे तबाही की ओर हैं। हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी की जो दर महामारी से पहले देश में सर्वाधिक थी, वह अब 28 प्रतिशत से बढक़र 43.02 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह आंकडें बहुत ही भयावह हैं। इन आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रदेश में बेरोजगारी 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है।