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Haryana

पैरोल से फरार हुआ पूर्व मंत्री रेलू राम का हत्यारा

S.K.SHARMA | June 12, 2018 01:09 PM


चंडीगढ़। हरियाणा के बहुचर्चित रेलूराम पुनिया सामूहिक हत्याकांड के मुख्य दोषी संजीव कुमार के फरार होने की सूचना है। पूर्व मंत्री व उसके परिवार का हत्यारा पैरोल पर अपने घर आया था और वह पैरोल समाप्त होने के बाद जेल वापस नहीं पहुंचा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह बात साफ हो गई है कि हत्यारे के जमानतियों के पते भी फर्जी हैं।
संपत्ति विवाद के चलते हरियाणा में हिसार के पूर्व विधायक रहे रेलूराम पूनिया व परिवार के सात सदस्यों की 24 अगस्त 2001 को हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य हत्याकांड को उनके दामाद संजीव और बेटी सोनिया ने अंजाम दिया था। बाद में सभी अदालतों ने दोनों को फांसी की सुजा सुनाई, जिसे राष्ट्रपति ने उम्रकैद में बदल दिया था।
सामूहिक हत्याकांड का दोषी लंबे समय तक अंबाला जेल में रहा और कुछ समय बाद उसे फरीदाबाद जेल में शिफ्ट कर दिया गया। संजीव कुमार ने परिजनों को मिलने के लिए पैरोल की मांग की थी। जिसके चलते पैरोल से पहले उसे कुरूक्षेत्र जेल में स्थानांत्रित किया गया था। सूत्रों की मानें तो अन्य कैदियों की तरह संजीव कुमार को भी पैरोल दी गई थी। जिसके लिए उसने बकायदा दो व्यक्तियों को जमानती के रूप में पेश किया था। संजीव कुमार बीती 31 मई को जेल में वापस हाजरी देनी थी लेकिन समय सीमा पूरी होने के बाद भी जेल में नहीं पहुंचा तो जेल प्रशासन ने अंबाला, यमुनानगर, हिसार व कुरूक्षेत्र की पुलिस को इस बारे में सूचित किया। पुलिस ने यमुनानगर के गांव चंगनौली में छापा मारा, लेकिन वहां संजीव नहीं मिल पाया।
जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि रेलूराम पूनिया हत्याकांड के दोषी दंपती संजीव और सोनिया इससे पहले फरीदाबाद जेल में बंद थे। वहां संजीव ने पैरोल के लिए आवेदन किया था। बाद में उसे कुरुक्षेत्र की जेल में भेज दिया गया। मई माह में 14 दिन के लिए संजीव को पैरोल मिली थी और 31 मई को उसे जेल में वापस लौटना था, लेकिन वह पहुंचा। बिलासपुर थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। संजीव कुमार ने अपनी पत्नी व स्वर्गीय रेलू राम की बेटी सोनिया के साथ मिलकर संपत्ति के लालच में रेलू राम, कृष्णा (41 साल) ,रेलू राम की पत्नी, सुनील की पत्नी (23 साल), रेलू राम की दूसरी बेटी प्रियंका, रेलू राम के पौत्र लोकेश (चार साल), पौत्री शिवानी (दो साल), व तीन माह की दुधमुंही बच्ची प्रीति को मौत के घाट उतार दिया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और तभी से वह जेल में बंद हैं।



 
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