जालंधर,04 दिसंबर ( न्यूज़ अपडेट इंडिया ) भाजपा के जिला प्रधान रमेश शर्मा टिकटों के बटवारे से पहले नगर निगम में पुराने फार्मूले के तहत अकाली दल से कुल 80 सीटों का पैंसठ प्रतिशत यानी 52 सीटें लेने की बजाए इस बार अस्सी प्रतिशत यानी 64 सीटें चाहते थे। इसके लिए अखबारों में बयानबाजी के अलावा उन्होंने बाकायदा अपनी पार्टी की राज्य इकाई को भी अपनी राय से अवगत कराया था लेकिन आखिर में वे पैंसठ प्रतिशत के हिसाब से बनती 52 सीटें भी नहीं ले पाए। उन्हें उससे एक कम यानी 51 सीटों पर संतोष करना पड़ा जबकि अकाली दल के हिस्से बाकी की 29 सीटें आई।
इस बारे में जब भाजपा के जिला प्रधान रमेश शर्मा से पूछा गया तो उनका कहना था कि कार्यकर्ताओं की जो भावना थी, उसके बारे में राज्य इकाई को अवगत करवा दिया गया था। इसके बाद अकाली दल के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक के बाद भाजपा की राज्य इकाई के पैंसठ-पैंतीस प्रतिशत के पुराने फार्मूले के तहत ही टिकटों के आवंटन के निर्देश मिला, जिसका हमने पालन किया।
यह पूछने पर कि पुराने पैंसठ प्रतिशत के हिसाब से भी भाजपा की 52 सीटें बनती थी लेकिन आप को 63.75 प्रतिशत के हिसाब से 51 सीटें आखिर में कैसे मिलीं तो उन्होंने कहा कि शनिवार को अकाली-भाजपा की लोकल तालमेल कमेटियों के सदस्यों की बैठक में जीत-हार के हिसाब से एडजस्टमेंट की गई जिस कारण हमने 51 सीटों पर लड़ना स्वीकार किया। इस तरह ज्यादा सीटों का शोर मचाने के बावजूद भाजपा पुराने फार्मूले के हिसाब से भी अपनी बनती 52 सीटें नहीं ले पाई। इसी के चलते भाजपा के हिस्से इस बार कुल 80 सीटों का 63.75 प्रतिशत जबकि अकाली दल के हिस्से 36.25 प्रतिशत आया। कुल मिलाकर अकाली दल फायदे में रहा जबकि भाजपा घाटे में रही।